नई दिल्ली। यूं तो हर मसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं। हर समसामयिक मसलों पर दी गई उनकी राय काफी चर्चा में रहती है। इस बीच उन्होंने दशहरा के मौके पर सालाना आयोजित होने वाले कार्यक्रम में देश में चल रहे ज्वलंत मुद्दों पर राय रखी है, जिसकी अभी जमकर चर्चा हो रही है। अपने संबोधन में उन्होंने चीन से लेकर पाकिस्तान, ओटीटी प्लेटफॉर्म से लेकर युवाओं में बढ़ रहे ड्रग्स के सेवन पर भी अपने विचार व्यक्त किए। आइए, आगे विस्तार से सिलसिलेवार तरीकों से हर मसले पर दिए गए उनकी बेबाक राय के बारे में जानते हैं।
ओटीटी प्लेटफॉर्म, ड्रग्स
मोहन भागवत ने ओटीटी प्लेटफॉर्म और ड्रग्स को लेकर कहा कि आज की तारीख में हर युवा के हाथ में फोन है और वर्तमान में जिस तरह से ओटीटी प्लेटफर्म के जरिए समाज को विकृत करने का काम किया जा रहा है, यह हमारे समाज के लिए घातक है। इस पर अंकुश लगाने की दिशा में काम करना होगा।
इसके अलावा उन्होंने ड्रग्स पर कहा कि वर्तमान में असंख्य युवा ड्रग्स की बुरी आदतों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे वे खुद के भविष्य के साथ-साथ देश के भविष्य को भी खतरे में डाल रहे हैं। यह हमारे समाज के लिए बहुत घातक है। इस पर विराम लगाने की दिशा में काम करना होगा।
#WATCH | “…There’s no control over what’s shown on OTT platforms, post Corona even children have phones. Use of narcotics is rising…how to stop it? Money from such businesses is used for anti-national activities…All of this should be controlled,”says RSS chief Mohan Bhagwat pic.twitter.com/PLELLPExdL
— ANI (@ANI) October 15, 2021
जनसंख्या नीति
हमारे देश में हमेशा से ही जनसंख्या नीति विवाद का विषय रहा है। इस पर हमेशा से ही सबकी अपनी अलग-अलग राय रही है। मोहन भागवत ने कहा कि वर्तमान में जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाना हमारे समाज की दरकार है। बता दें कि इससे पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने की बात कह चुके हैं।
तालिबान, पाकिस्तान और चीन पर कही ये बात
इसके अलावा संघ प्रमुख ने चीन , पाकिस्तान और तालिबान पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि तालिबान यह दावा कर रहा है कि वो बहुत बदल गया है। संभवत: वह बदल चुका हो, हो सकता है कि उसका हदय परिवर्तन हो चुका हो, लेकिन क्या पाकिस्तान बदला है और उसके द्वारा आतंकी गतिविधियों को वित्त पोषित और पल्लवित करने की दिशा में किसी भी प्रकार की नरमी आई है। जवाब बिल्कुल स्पष्ट है… नहीं आई है।
सामाजिक समरसता पर दिया जोर
इसके साथ ही मोहन भागवत ने समाज में विभेदीकरण की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए कहा कि हमें समाज के उन लोगों के साथ संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है, जो खुद को समाज से उपेक्षित महसूस करते हैं। इस दिशा में हमें प्रयास करने की आवश्यकता है। बता दें कि ये कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब वे इस तरह के मसलों पर अपनी राय देकर चर्चा में आए हो, बल्कि इससे पहले भी वे कई मौकों पर अपनी राय दे चुके हैं।