Coronavirus: कोविड-19 से मुकाबले के लिए RSS ने शुरू किया अभियान, राहत कार्यों के लिए भी तैयार की रणनीति

Coronavirus: आरएसएस ने कोविड-19 के इस काल में सकारात्मक विकास और सफलता की कहानियों को बढ़ावा देने और प्रचारित करने का निर्णय लिया है। हर दिन, राज्य स्तर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रसार (प्रचार विंग), साथ ही देशभर में स्वयंसेवकों (संचार केंद्रों) द्वारा चलाए जाते हैं, इस तरह की सकारात्मक कहानियों को इकट्ठा करते हैं और उन्हें मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी साझा करते हैं।

Avatar Written by: May 10, 2021 6:00 pm

नई दिल्ली। देश में तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस की दूसरी वेब से पनपे हालात को लेकर चिंतित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पीड़ितों को राहत देने के साथ-साथ संगठन के सरसंघचालक के साथ “नकारात्मकता” के माहौल का मुकाबला करने के लिए एक बड़े पैमाने पर देशव्यापी अभियान शुरू किया है। इसको लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मई के दूसरे सप्ताह में राष्ट्र को संबोधित किया था। इसको लेकर संघ की तरफ से अभियान अप्रैल के तीसरे सप्ताह में शुरू किया गया था। इस सब के बीच मोहन भागवत का संबोधन एक सकारात्मक माहौल बनाने के उद्देश्य से हुआ था क्योंकि आरएसएस को लगता है कि नकारात्मकता का मुकाबला करना महत्वपूर्ण है जो कई लोगों द्वारा जाने-अनजाने में जानबूझकर प्रचारित किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर कार्यवाहक (महासचिव) दत्तात्रेय होसबोले ने हाल ही में आगाह किया था कि भारत-विरोधी तत्व दूसरी कोविड -19 लहर के मद्देनजर मौजूदा स्थिति का फायदा उठा सकते हैं।

इस प्रकार आरएसएस ने कोविड-19 के इस काल में सकारात्मक विकास और सफलता की कहानियों को बढ़ावा देने और प्रचारित करने का निर्णय लिया है। हर दिन, राज्य स्तर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रसार (प्रचार विंग), साथ ही देशभर में स्वयंसेवकों (संचार केंद्रों) द्वारा चलाए जाते हैं, इस तरह की सकारात्मक कहानियों को इकट्ठा करते हैं और उन्हें मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी साझा करते हैं। इस पहल को एक और बड़ा स्तर तक ले जाने के लिए, आरएसएस ने कई आध्यात्मिक गुरुओं, धार्मिक नेताओं और प्रमुख हस्तियों के साथ बातचीत कर हाथ मिलाया है, ताकि सामान्य रूप से समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

Mohan Bhagwat

कोरोना से फैले नकारात्म माहौल में यह अपनी तरह का एक पहला प्रयास है जो संघ के द्वारा किया जा रहा है। जिसमें ‘टॉक सीरीज़’ पॉज़िटिविटी अनलिमिटेड के जरिए कई आध्यात्मिक गुरुओं जैसे जग्गी वासुदेव, श्री श्री रविशंकर जैसे प्रसिद्ध नाम इसका हिस्सा होंगे। इसके अलावा जो लोग इस व्याख्यान श्रृंखला के माध्यम से लोगों को संबोधित करेंगे, उनमें पूज्य आचार्य प्रमसानगर जी, पूज्य शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती जी, सोनल मानसिंह जी (पद्मविभूषण), आचार्य विद्यासागर जी, पूज्य श्री महंत संत ज्ञान देव सिंह जी (श्री पंचायती अखाड़ा- निर्मल) भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम का समापन संघ प्रमुख मोहन भागवत के संबोधन के साथ होगा। यह कार्यक्रम चार दिनों तक चलेगा जिसका आयोजन 11 से 15 मई के बीच किया जाएगा। इसके अलावा इसमें पतंजलि योगपीठ, ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, गौरी शंकर मंदिर, भगवान बाल्मीकि मंदिर, संत रविदास विश्रामस्थल देवनगर, सनातन धर्म प्रतिनिधि संस्था, आर्य समाज, झण्डेवाला माता मंदिर, तेरापंथ जैन समाज,  सेवा भारती, लायंस क्लब, विश्व हिन्दू परिषद, स्वदेशी जागरण ृमंच और रोटरी क्लब भी मानवता की सेवा की इस मुहिम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।

इसके साथ ही कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रयासों के तहत संघ ने देशवासियों को एकजुट करने तथा उपचार में हर संभव मदद के लिए देश के नामी आध्यात्मिक, उद्यमी व सामाजिक संगठनों के साथ भी हाथ मिलाया है। इसके लिए एक कोविड रिस्पांस टीम भी संघ ने गठित की है। संकट की घड़ी में संघ कोविड रेस्पॉन्स टीम की ओर से कई तरह से जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है। जैसे लोगों को कोरोना आपदा से निबटने के लिए संसाधन जैसे अस्पतालों को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की उपलब्धता, आईसोलेशन सेंटर्स की संख्या बढ़ाने के प्रयास। लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता का प्रसार, होम आइसोलेशन और प्लाज्मा डोनेशन के महत्व को बताना। देश में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार को ग्राउंड जीरो से रिसर्च पेपर के साथ कारगर और व्यावहारिक सुझाव देना। आपातकालीन स्थिति को देखते हुए तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रयास करना। ऑक्सीजन वैन (प्राणवायु सेवा) अस्पतालों के बाहर और अलग-अलग जगहों पर उपलब्ध कराना। कोरोना संक्रमित मरीजों एवं परिवारों को भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना। मृतकों के अंतिम संस्कार में मदद करना। हेल्पलाइन, टेलीमेडिसिन के लिए ऑनलाइन सेवा प्रारंभ करना, रक्त और प्लाज्मा दान के साथ ही अन्य चिकित्सकीय सहयोग प्रदान करना।

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कोविड रेस्पॉन्स टीम की हेल्पलाइन के जरिए 1200 स्वयंसेवक तथा 130 डॉक्टर्स नि:शुल्क अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली में 9 आइसोलेशन सेंटर की स्थापना की गई है। इन आइसोलेशन सेंटर्स में मेडिकल और ऑक्सीजन की सुविधाओं के साथ-साथ 500 बेड की व्यवस्था की गई है।

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लोगों को मौके पर ही ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 7 ऑक्सीजन वैन (प्राणवायु वैन) चलाई जा रही हैं। हर ऑक्सीजन वैन में 6 बेड लगाए गए हैं। दिल्ली में हर दिन 28 हजार कोरोना संक्रमित परिवारों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। दिल्ली में मार्च के तीसरे सप्ताह से अभी तक 803 प्लाज्मा डोनेशन और 1300 सीटी स्कैन कराए गए हैं। संघ की कोविड रेस्पॉन्स टीम ने 2619 मृतकों का अंतिम संस्कार कराया है या मृतकों के परिजनों को अंतिम संस्कार में सहयोग किया है।

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