नई दिल्ली। विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित किए जाने के मामले को लेकर आज संसद में जबर्दस्त हंगामा हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में विनेश का मुद्दा उठाया लेकिन इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति जताते हुए उन्हें रोक दिया। धनकड़ ने कहा कि इस पर बाद में चर्चा होगी। तभी तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की। इस पर वो सभापति पर ही चिल्लाने लगे। विपक्ष के अन्य सांसदों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। टीएमसी सांसद के इस रवैये से नाराज होकर जगदीप धनकड़ अपना आसन छोड़कर उठ गए और वहां से चले गए।
#WATCH | Opposition walks out from Rajya Sabha over the issue of Vinesh Phogat’s disqualification from the Paris Olympics
Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar says,”…They (Opposition) think they are the only ones whose hearts are bleeding…The entire nation is in pain… pic.twitter.com/XTyrldhgla
— ANI (@ANI) August 8, 2024
इससे पहले सभापति ने कहा कि पूरा देश विनेश के लिए दुखी है, लेकिन इसका राजनीतिकरण मत करो। विपक्ष इस मामले को सिर्फ राजनीतिक उद्देश्य से उठाना चाहता है जबकि ऐसा करना देश की बेटी का अपमान है। इस पर कांग्रेस और टीएमसी समेत इंडी गठबंधन के अन्य सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। सभापति ने कहा कि सरकार विनेश को वह सब कुछ देगी जिसका पदक विजेता हकदार होता है, विनेश को हर तरह की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
#WATCH | Speaking in Rajya Sabha on Vinesh Phogat, Union Minister JP Nadda says, “The whole country is standing with Vinesh Phogat. The PM yesterday called her “Champion of champions” and the PM’s voice is the voice of 140 crore people. Unfortunately, we are dividing this between… pic.twitter.com/iWdQM5jv6E
— ANI (@ANI) August 8, 2024
वहीं केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मामले पर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि ये देश का सवाल है और पूरा देश विनेश के साथ खड़ा है। दुर्भाग्य इस बात का है कि इस मामले को भी हम पक्ष और विपक्ष में बांटने का प्रयास कर रहे हैं। मुझे लगता है कि विपक्ष विषय और मुद्दाविहीन हो चुका है, इसीलिए विनेश के मामले में राजनीति कर रहा है। भारत सरकार और खेल मंत्रालय ने इस मामले में हर संभव प्रयास किया है। भावनाओं को सीमित रखना और अपने विवेक से काम करना यह इस समय की आवश्यकता है और मैं यह आशा करता हूं कि विपक्ष अपनी इस जिम्मेदारी को समझेगा।