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Shaheed Diwas 2023: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का बलिदान दिवस आज, जानिए क्यों मनाया जाता हैं आज शहीद दिवस

Shaheed Diwas 2023: देश के महान वीर पुरुषों को जब भी याद किया जाता हैं, उनमें भगत सिंह का नाम जरूर लिया जाता हैं। भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए बहुत संघर्ष किया हैं। भगत सिंह एक क्रांतिकारी और महान स्वतंत्रता सेनानी थे। भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार ने असेम्बली में बम फेंकने को कहा था जिसको भगत सिंह ने मना कर दिया था

नई दिल्ली। हमारे देश के लिए शहीदों ने बलिदान दिया तब जाकर आज हम अपने देश में खुली सांस ले पा रहे हैं। शहीदों ने जो हमारे देश के लिए किया हैं उसी का सम्मान के लिए आज पूरा देश उन्हें याद कर रहा हैं। देश को आजाद कराने के लिए कई महावीर पुरुषों ने संघर्ष किया अपनी जान की कुर्बानी दी तब जाकर हमारे देश को आजादी मिली। देश में शहीदों को याद करने के लिए उनके बलिदान को याद करने के लिए आज के दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। भारत को आजादी दिलाने के लिए भगत सिंह उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को आज श्रद्धांजलि दी जाती है। आज भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी और उनका ये देश के लिए बलिदान, बलिदान दिवस के रुप में मनाया जाता हैं। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव तीनों को आज के ही दिन लाहौर जेल में फांसी दी गई थी।

भगत सिंह-

देश के महान वीर पुरुषों को जब भी याद किया जाता हैं, उनमें भगत सिंह का नाम जरूर लिया जाता हैं। भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए बहुत संघर्ष किया हैं। भगत सिंह एक क्रांतिकारी और महान स्वतंत्रता सेनानी थे। भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार ने असेम्बली में बम फेंकने को कहा था जिसको भगत सिंह ने मना कर दिया था और इस कारण भगत सिंह को 23 मार्च को लाहौर के जेल में फांसी दी गई थी और इसके बाद अंग्रेजों ने इनके टुकड़े कर के इनके शव को सतलुज नदी के किनारे जला दिया था।

राजगुरु-

राजगुरु को भी भगत सिंह के साथ ही लाहौर में फांसी दी गई थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में राजगुरु के बलिदान को एक महत्वपूर्ण घटना बताई गई थी। राजगुरु को भी भगत सिंह के साथ ही 23 मार्च को फांसी दी गई थी।

सुखदेव-

सुखदेव का पूरा नाम सुखदेव थापर था। सुखदेव ने लाला लाजपत राय का बदला लिया था। सुखदेव ने भगत सिंह को मार्गदर्शन दिखाया था। 23 मार्च के उस काले दिन जब भगत सिंह, राजगुरु के साथ सुखदेव को भी फांसी दी गई थी।