नई दिल्ली। आमतौर पर जब कभी-भी भीड़ की वजह से स्थितियां अनियंत्रित होती है, तो उद्घोषक द्वारा लोगों से स्थिति को संतुलित बनाए रखने की अपील की जाती है, लेकिन लोग उद्घोषक की बात मानना तो दूर, उन्हें सुनना तक गवारा नहीं समझते। जिसका नतीजा कई बार बेहद ही भयावह होता है। अब आप इतना सबकुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर माजरा क्या है कि आप इस तरह की भूमिकाओं के जाल बुनाए जा रहे हैं? जरा कुछ खुलकर बताएंगे। तो चलिए अब हम आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।
दरअसल, खबर ओडिशा के कटक है, जहां मकर संक्रांति के मौके पर आयोजित किए गए मेले में काफी संख्या में लोग इस दिन को खास मनाने के लिए पहुंचे थे। त्योहार की वजह से लोगों की छुट्टी भी थी, तो भीड़ भी अच्छी खासी थी। मेले में ज्यादा भीड़ होने की वजह से स्थितियां अनियंत्रित हो गई और बाद में यह अनियंत्रित स्थिति भगदड़ में तब्दील हो गई। यह भगदड़ टी ब्रिज पर मची। जिसकी जद में आकर 12 लोग घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। बहरहाल, अभी सभी घायलों का उपचार जारी है। चिकित्सकों के मुताबिक, सभी की हालत स्थिर है। बता दें कि इससे पहले कई तरह के ऐसे मामले प्रकाश में आते रहे हैं, जिमसें भगदड़ की वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
ध्यान रहे, इससे पहले नए साल के मौके पर युंगाडा की राजधानी कंपाला में भगदड़ की वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस बीच स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की गई थी, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी स्थितियां नियंत्रित नहीं हुई। नतीजा यह हुआ कि लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। बहरहाल, जब कभी-भी आप किसी जलसे में जाए, तो भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से गुरेज करे, क्योंकि ऐसी जगहों पर स्थिति आमतौर पर विकराल हो जाया करती है। अब आगामी दिनों में पुलिस क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम