नई दिल्ली। कैसरगंज से बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के निर्वतमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक ने आंदोलन से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। उन्होंने इस आंदोलन से खुद को दूर कर लिया है। इसके अलावा उन्होंने रेलवे की नौकरी भी ज्वॉइन कर ली है। इससे पहले गत रविवार को महिला पहलवानों की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संग बैठक हुई थी। जिसमें पहलवानों को आश्वस्त किया गया था कि उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा। इसके अलावा सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि विनेश फोगाट और अन्य पहलवान भी आगामी दिनों में आंदोलन से अपने कदम पीछे खींचकर रेलवे की नौकरी ज्वॉइन कर सकते हैं। बता दें कि पहलवानों ने यह कदम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद उठाया है। अब ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर महिला पहलवानों ने अपने कदम पीछे क्यों किए? क्या उनके आरोपों में दम नहीं था ?
सनद रहे कि इससे पहले बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपने आरोप वापस ले लिए थे। इसके अलावा उन्होंने अपना बयान वापस भी ले लिया था। इतना ही नहीं, महिला पहलवानों पर यह भी आरोप लगा था कि पहलवानों ने पीड़िता को नाबालिग साबित करने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र का सहारा लिया था। बहरहाल, अभी तक इन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। ध्यान दें कि इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान बृजभूषण ने कहा था कि अगर मेरे ऊपर लगाए गए आरोप सही साबित हुए, तो मैं फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं। वहीं, बीजेपी ने बीते दिनों बृजभूषण को मामले के संदर्भ में मीडिया के सामने कोई भी बयानबाजी नहीं करने की हिदायत दी थी। इसके अलावा बृजभूषण ने बीते दिनों फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहा था कि मैं नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफी टेस्ट और लाइव डिडेक्टर टेस्ट कराने के लिए तैयार हूं। लेकिन, मेरी यह शर्त है कि बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को भी यह टेस्ट कराने होंगे। इसके बाद बजरंग पुनिया ने बयान जारी कर कहा था कि हम हर प्रकार का टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि महिला पहलवान पिछले एक माह से भी अधिक समय से जंतर-मंतर पर बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। लेकिन, अभी तक बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया गया। जिस पर महिला पहलवान कई मर्तबा नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इसके अलावा कई किसान नेता महिला पहलवानों के समर्थन में आ चुके थे। यही नहीं, बीते दिनों पहलवानों ने बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में अपना मेडल गंगा में विसर्जित करने का ऐलान किया था, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत की समझाइश के बाद पहलवानों ने अपना फैसला वापस लिया था। बहरहाल, अब आगामी दिनों में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।