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Salary And Pension Crisis Continues In Himachal : हिमाचल में सैलरी और पेंशन संकट बरकरार, सरकार पर है 94 हजार करोड़ का कर्ज, बीजेपी ने सीएम सुक्खू पर साधा निशाना

Salary And Pension Crisis Continues In Himachal : आज 4 तारीख हो गई है लेकिन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला, सेवानिवृत्तों को पेंशन नहीं मिली। प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब दौर से गुजर रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आर्थिक संकट से प्रदेश को कैसे निकालेंगे ये बड़ा सवाल है?

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन आज भी उनके खाते में नहीं पहुंची है। लगभग 2 लाख सरकारी कर्मचारी और तकरीबन डेढ़ लाख के पेंशनर को देने के लिए न तो प्रदेश सरकार के पास पैसा है और न ही जवाब। हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर 94,992.2 हजार करोड़ का कर्ज है। जी न्यूज के अनुसार यह साल 2023-24 का आंकड़ा है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आर्थिक संकट से प्रदेश को कैसे निकालेंगे ये बड़ा सवाल है? वहीं बीजेपी ने इस मामले को लेकर सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए फिजूलखर्ची रोकने संबंधी दिशा में कदम उठाने की हिदायत दी।

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में जनसंख्या के अनुपात में किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक कर्मचारी हैं। आज 4 तारीख हो गई है लेकिन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला, पेंशन नहीं मिली। प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब दौर से गुजर रही है। हमारे बजट में किए गए प्रावधानों का एक बड़ा हिस्सा, लगभग 39-40 प्रतिशत यानी हर महीने 2000 करोड़ रुपए की देनदारी सरकारी कर्मचारियों और पेंशन धारकों की आती है। ऐसे में सरकार के पास बहुत कम संसाधन हैं।

ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री लगातार डीजल के दाम बढ़ा रहे हैं, सीमेंट के दाम बढ़ा रहे हैं, राशन के दाम बढ़ा रहे हैं, बसों का किराया और टैक्सियों पर टैक्स, मुझे लगता है कि इसका बोझ गरीब लोगों पर पड़ेगा जो नहीं होना चाहिए। सरकार को राजस्व बढ़ाने के लिए फिजूलखर्ची रोकने की दिशा में कदम बढ़ाए जाने की जरूरत है। आपको बता दें कि आर्थिक संकट के लिए इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकार की मुफ्त स्कीम वाली योजनाओं के चलते आर्थिक बोझ बढ़ गया जो इस तरह के हालात उत्पन्न हो गए।