लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव होने में बस 3 महीने बचे हैं। 403 सीटें दांव पर हैं। इनमें से ज्यादातर को जीतकर सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियां दिन-रात एक कर रही हैं। बीजेपी अभी सत्ता पर काबिज है। वो दोबारा सरकार बनाने की तैयारी में जुटी है। बीजेपी को सबसे तगड़ी चुनौती सपा दे रही है। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव तीन रथ यात्राएं निकाल चुके हैं। वो सोशल मीडिया के जरिए भी बीजेपी को घेर रहे हैं। इसके अलावा अखिलेश यादव छोटी पार्टियों को साथ लेकर भी यूपी विधानसभा चुनाव जीतने की तैयारी में जुटे हैं। अखिलेश यादव ने अब तक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी यानी सुभासपा से गठजोड़ किया है। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर हैं। राजभर 2017 के चुनाव में बीजेपी के साथ थे। मंत्री भी योगी सरकार में बने, लेकिन फिर पटरी न बैठने पर मंत्री पद छोड़कर अब अखिलेश का साथ दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां और अपना दल के दूसरे धड़े की अध्यक्ष कृष्णा पटेल भी सपा के साथ आ गई हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बुधवार को अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद माना कि दोनों पार्टियों में सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है। जबकि, पहले आम आदमी पार्टी ने अकेले ही यूपी चुनाव लड़ने का एलान किया था। पश्चिम में पैठ रखने वाली आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ भी करीब 36 सीटों के बंटवारे पर अखिलेश की बात फाइनल हो चुकी है।
इसके अलावा अखिलेश यादव ने बीते करीब 1 साल में कई और छोटी पार्टियों को सपा के साथ जोड़ा है। अखिलेश यादव दावा कर रहे हैं कि 403 में से 400 सीटें जीतकर सपा सरकार बना लेगी। अगर उनके साथियों की बात करें, तो पूर्वांचल में राजभर वोटरों की वजह से सपा को फायदा हो सकता है। पश्चिम में आरएलडी के वोट उसे मिल सकते हैं। ये अलग बात है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आरएलडी और सपा-बीएसपी गठबंधन को कोई फायदा नहीं हुआ था। बात करें कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल के धड़े की, तो उसका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। कृष्णा की बेटी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के धड़े का असर पूर्वांचल में ज्यादा है। आम आदमी पार्टी का अभी कोई बेस दिखता नहीं है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या छोटे दलों को साथ लेकर अखिलेश की सपा कोई करिश्मा कर सकेगी ?
साल 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो बीजेपी ने 312 सीटें जीती थीं, उसके सहयोगी अपना दल ने 9 सीटें और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) ने 4 सीटें जीती थीं। सपा ने 47, बसपा ने 19, कांग्रेस ने 7, आरएलडी ने 1 और निषाद पार्टी ने 1 सीट जीती थी। जबकि, 3 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली थीं।