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Sandeep Ghosh And 4 Junior Doctors Will Undergo Polygraphy Test : आरजी कर मेडिकल कालेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और 4 जूनियर डॉक्टरों का होगा पॉलीग्राफी टेस्ट

Sandeep Ghosh And 4 Junior Doctors Will Undergo Polygraphy Test : कोलकाता की सियालदाह कोर्ट ने सीबीआई को टेस्ट कराने की मंजूरी दे दी है। इन्हीं चारों जूनियर डाक्टरों के साथ घटना वाली रात मृतक ट्रेनी डाक्टर ने डिनर किया था। दूसरी तरफ लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली के रेजिडेंट डाक्टरों ने भी हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है।

नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डा. संदीप घोष और 4 जूनियर डाक्टरों का पालीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा। सीबीआई को इसके लिए सियालदह कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। इन्हीं चारों जूनियर डाक्टरों के साथ घटना वाली रात मृतक ट्रेनी डाक्टर ने डिनर किया था। केस के मुख्य आरोपी संजय राय के पॉलीग्राफी टेस्ट की पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली के रेजिडेंट डाक्टरों ने भी हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है।

रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन की तरफ से बताया गया है कि न्यायपालिका में आस्था और विश्वास रखते हुए, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर 12 अगस्त को शुरू हुई हड़ताल आधिकारिक तौर पर वापस ले ली गई है। उधर, आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ ने अपने हाथ में ले ली है। सीआईएसएफ के डीआईजी आज फिर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इस दौरान पर उनसे पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हम पहले से ही तैनात हैं, सीआईएसएफ के जवान सभी शिफ्टों में तैनात रहेंगे।

दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है कि आरजी कर मेडिकल कालेज जैसे गंभीर मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए इनकी सुनवाई फास्ट-ट्रैक की विशेष अदालतों में की जानी चाहिए और अधिकतम 15 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए।

ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने पत्र के बारे में बताया कि सीएम ने पीएम ने अपील की है कि इस तरह की घटनाओं से समाज और राष्ट्र का विश्वास और विवेक डगमगाता है। हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम इसे खत्म करें ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस करें। ऐसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को कठोर केंद्रीय कानून के माध्यम से व्यापक तरीके से संबोधित करने की आवश्यकता है, जिसमें ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान हो।