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BJP-Shivsena: फडणवीस से मिलते ही बदल गए संजय राऊत के सुर, कहा- हम दुश्मन नहीं, पीएम मोदी हमारे भी नेता…

BJP-Shivsena: एक इंटरव्यू के चलते संजय राउत(Sanjay Raut) ने एक होटल में फडणवीस(Devendra Fadnavis) से मुलाकात की थी। राउत पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बंटवारे के फार्मूले को लेकर भाजपा विरोधी रुख के लिए सुर्खियों में थे।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच हुए अलगाव के बाद अचानक शिवसेना सांसद संजय राउत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच हुई मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इस मुलाकात को महाराष्ट्र की राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं। ऐसे में शिवसेना ने किसी राजनीतिक गठजोड़ को लेकर साफ इनकार कर दिया है। वहीं भाजपा की तरफ से कहा गया है कि ये मुलाकात राजनीतिक स्तर की नहीं थी। इसलिए इसका कोई राजनीतिक अर्थ ना निकाला जाय। महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा इस मीटिंग का कोई भी राजनीतिक दृष्टिकोण नहीं था। उन्होंने ट्वीट किया, ‘राउत शिवसेना के मुखपत्र सामना के लिए देवेंद्र फडणवीस का इंटरव्यू करना चाहते थे। बस इसी को लेकर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है।’ उपाध्ये ने कहा, ‘फडणवीस ने राउत को इस बात की जानकारी दी थी कि वह जब बिहार के चुनाव प्रचार से लौट आएंगे तब वह इंटरव्यू देंगे।’

devendra fadnavis and sanjay raut

वहीं देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद भाजपा पर अपनी शायरी से तल्ख टिप्पणी करने वाले संजय राउत के सुर भी बदले से नजर आ रहे हैं। बता दें कि संजय राउत ने मुलाकात के पीएम मोदी को लेकर कहा कि, ‘नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, ऐसे में वह उद्धव ठाकरे के नेता हैं।  वह हमारे नेता भी हैं।’ देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा, ‘फडणवीस हमारे दुश्‍मन नहीं हैं, हमने उनके साथ काम किया है। उनसे मेरी मुलाकात सामना को लेकर हुई। इस मुलाकात के बारे में उद्धव ठाकरे को जानकारी है। हमारी विचारधारा में अंतर है, लेकिन हम एक-दूसरे के दुश्‍मन नहीं हैं।’

Sanjay Raut And Devendra Fadanvees pic

वहीं संजय राउत ने एनडीए से अकाली दल के अलग होने पर कहा कि यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका है। उन्‍होंने कहा कि शिवसेना और अकाली दल के बिना एनडीए अपूर्ण है। ये दोनों उसके मजबूत स्‍तंभ थे। शिवसेना और अकाली दल के बिना NDA हमेशा अधूरी रहेगी। NDA से शिवसेना के बाहर होने पर संजय राउत ने कहा कि, ‘शिवसेना को मजबूरन एनडीए से बाहर निकलना पड़ा था। अब अकाली दल ने भी ऐसा ही किया। एनडीए को अब नए साथी मिल गए हैं। मैं उन्‍हें शुभकामनाएं देता हूं। जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं हैं, मैं उसे एनडीए नहीं मानता।’

बता दें कि एक इंटरव्यू के चलते संजय राउत ने एक होटल में फडणवीस से मुलाकात की थी। राउत पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बंटवारे के फार्मूले को लेकर भाजपा विरोधी रुख के लिए सुर्खियों में थे।