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Maharashtra Politics: I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल हो सकते हैं अजीत पवार!, चाचा-भतीजे के बीच सीक्रेट मीटिंग पर संजय राउत का बड़ा दावा

Maharashtra Politics: संजय राउत ने संभावना जताते हुए कहा कि हो सकता है कि शरद पवार ने अजीत पवार को इंडिया गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया हो। इसके अलावा दोनों गुटों के विलय पर खाका तैयार किया हो।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी हलचल तेज हो चुकी है। दरअसल, बीते शनिवार को पुणे में एनसीपी चीफ और शरद पवार के बीच बिजनेसमैन अतुल चौरडिया के आवास पर करीब एक घंटे तक बैठक हुई। हालांकि, दोनों के बीच किन मुद्दों को लेकर वार्ता हुई। इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन कयासों का बाजार जरूर गुलजार हो गया है। जी हां.. आपको बता दें कि अब इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में कयासों का बाजार गुलजार हो चुका है। इस बीच मुलाकात पर संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको विस्तार से बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?

दरअसल, संजय राउत ने संभावना जताते हुए कहा कि हो सकता है कि शरद पवार ने अजीत पवार को इंडिया गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया हो। इसके अलावा ये भी हो सकता है कि दोनों गुटों ने विलय का खाका तैयार किया हो। इतना ही नहीं, राउत ने तंज कसते हुए कहा कि जब पीएम मोदी और नवाज शरीफ आपस में मिल सकते हैं, तो अजीत और शरद को क्यों नहीं मिल सकते हैं। कुछ सूत्रों ने तो यहां तक दावा किया है कि अजीत ने चाचा शरद को मनाने की कोशिश की है, लेकिन सियासी गलियारों में शरद को ऐसे ही थोड़ी ना सियासत का चाणक्य कहा जाता है।

खबर है कि शरद पवार ने अपने भतीजे को इंडिया गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में अजीत पवार की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं।इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। बता दें कि बीते दिनों अजीत पवार अपने चाचा शरद को गच्चा देकर शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, जहां उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया, लेकिन इसके बाद खबर आई कि अजीत को डिप्टी सीएम बनाए जाने से शिंदे सरकार में कई लोग नाराज हैं।

sharad pawar and ajit pawar

इतना ही नहीं, इस राजनीतिक उठापटक के बीच यहां तक दावा किया गया कि शिंदे से इस्तीफा लिया जा सकता है, जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने सामने आकर स्पष्ट कर दिया कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि चाहे कुछ भी हो जाए शिंदे अपने पद पर बने रहेंगे, तो इस तरह से आप समझ सकते हैं कि किस तरह से महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी उठापटक का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति की तस्वीर कैसी रहती है? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।