नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा को लेकर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। बीते दिनों राज्य में हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। आज इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस बीच केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को राज्य की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। मेहता ने कहा कि राज्य में सभी संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। सुरक्षाबलों द्वारा राज्यभर में प्लैग मार्च किया जा रहा है। सभी गतिविधियों पर ड्रोन से नजर रख जा रही है।
सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
इसके अलावा कोर्ट ने मणिपुर सरकार से उक्त हिंसा को लेकर 15 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है, जिसमें हिंसा के बाद से लेकर अब तक सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इस बीच कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल से अब तक राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है।
Manipur violence | Centre and Manipur government submit before Supreme Court that the curfew was relaxed yesterday and today, and there were no incidents of violence on both days. pic.twitter.com/Sm7emFzVGm
— ANI (@ANI) May 8, 2023
हालांकि, सॉलिसिटर जनरल ने हिंसा के बाद राज्य में स्थिति को काबू में करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी थी। मसलन, प्रदेश में तनावग्रस्त स्थिति को शांतियुक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं? विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए क्या कदम उठाए गए? उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? उधर, कोर्ट ने भी राज्य सरकार को स्थिति को काबू में करने के लिए प्लान बनाने का निर्देश दिया है। बहरहाल, अब देखना होगा कि सरकार द्वारा इस पूरे मसले को लेकर क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं।
जानें क्यों हो रही हिंसा?
बता दें कि बीते मणिपुर में रहने वाला मैतई समुदाय अनुसूचित जाति के तहत मिलने वाले आरक्षण की मांग कर रहा है, लेकिन प्रदेश के अन्य समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहा है। अन्य समुदाय के लोगों का कहना है कि अगर मैतई समुदाय को आरक्षण दिया गया, तो हमारा अस्तित्व पर संकट आ जाएगा। दरअसल, बताया जाता है कि मैतई समुदाय पहले से ही आर्थिक तौर पर संपन्न है। ऐसे में उन्हें किसी भी प्रकार के आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। जिसे लेकर ही बीते दिनों राज्य में खूनी संघर्ष भी देखने को मिला था।