newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Delhi Ordinance: अध्यादेश मामले को बड़ी पीठ भेजेगी SC, इस तारीख तक टली सुनवाई

Delhi Ordinance: कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह नौकरशाहों पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र द्वारा जारी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को संविधान पीठ के पास भेज सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 20 जुलाई के लिए टाल दी है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर शुरू हुआ सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच आज अध्यादेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें कि बीते दिनों केंद्र के अध्यादेश के विरोध में केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अध्यादेश के मामले को बड़ी पीठ को भेजने की सिफारिश की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह नौकरशाहों पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र द्वारा जारी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को संविधान पीठ के पास भेज सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 20 जुलाई के लिए टाल दी है।

दरअसल, गत दिनों अधिकारों की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जीत का सेहरा पहनाया था। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को दिल्ली का असली बॉस बताया था। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित फैसले लेने का अधिकार दिल्ली सरकार को है, लेकिन उक्त फैसले के हफ्तेभर बाद ही केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर केजरीवाल सरकार की शक्तियों को कम कर दिया था।  वहीं, केंंद्र के इसी अध्यादेश के विरोध में बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई।  बहरहाल, आज कोर्ट ने अध्यादेश मामले में आगामी 20 जुलाई तक सुनवाई टाल दी है।

Supreme Court

ध्यान दें कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, जिसकी वजह से यहां हमेशा ही नीतिगत फैसले लेने के संदर्भ में केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच रार- प्रतिवार का सिलसिला जारी रहता है, लेकिन गत दिनों कोर्ट ने अपने फैसले के जरिए इस रार पर विराम लगाने की कोशिश की थी, लेकिन केंद्र ने अपने अध्यादेश के जरिए अब इसे नई ऊर्जा दे दी है।