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हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के बाद अब इन दवाईयों को कोरोना के उपचार में आजमा रहे वैज्ञानिक

अमेरिकी वैज्ञानिक कोरोना को हराने के लिए क्या कुछ कर रहे हैं। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कोरोना से लड़ने के लिए इलाज के चार नए तरीके बताए हैं, इन पर जल्द ही ट्रायल शुरू होगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना पीड़ितों में खून के थक्के जमने के मामले अधिक आ रहे हैं। इसे दवाओं से कंट्रोल करके स्थिति सुधारी जा सकती है।

न्यूयॉर्क। अमेरिकी वैज्ञानिक कोरोना को हराने के लिए क्या कुछ कर रहे हैं। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कोरोना से लड़ने के लिए इलाज के चार नए तरीके बताए हैं, इन पर जल्द ही ट्रायल शुरू होगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना पीड़ितों में खून के थक्के जमने के मामले अधिक आ रहे हैं। इसे दवाओं से कंट्रोल करके स्थिति सुधारी जा सकती है। कैंसर में इस्तेमाल हो रही थैरेपी, ब्रेन स्कैनिंग और अलग तरह के ड्रग कॉम्बिनेशन से भी संक्रमण के असर कम करने की भी तैयारी की जा रही है।

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कोरोना से लड़ने के 4 तरीके

खून पतला करने वालों की दवाओं से 50 फीसदी तक सुधार संभव

खून को पतला करने वालों की दवाओं से कोरोना पीड़ितों की हालत को 50 फीसदी तक सुधारा जा सकता है। अमेरिकी शोधकर्ताओं के मुताबिक, वेंटिलेटर पर मौजूद मरीजों को अगर ऐसी दवाएं दी जाएं तो उनके बचने की दर 130 फीसदी तक बढ़ जाती है। दवा से गाढ़े खून को पतला करने के इलाज को एंटी-कोएगुलेंट ट्रीटमेंट कहते हैं। शोध करने वाली न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई हेल्थ सिस्टम की टीम का कहना है कि यह नई जानकारी कोरोना के मरीजों को बचाने में मदद करेगी।

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एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन और निमोनिया की दवा के कॉम्बिनेशन से कोरोना को हराने की तैयारी

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने हाल ही में एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन और निमोनिया की दवा के कॉम्बिनेशन का ट्रायल कोरोना के गंभीर मरीजों पर करने जा रहा है। इस कॉम्बिनेशन में इस्तेमाल हो रही निमोनिया का दवा का नाम एटोवेक्योन है। ट्रायल एरिजोना के ट्रांसलेशनल जिनोमिक्स रिसर्च इंस्टीट्यूट में होगा।

ब्रेन थैरेपी देगी वेंटिलेटर से आजादी, अमेरिकी शोधकर्ताओं ने रिसर्च में किया दावा

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने ब्रेन थैरेपी को कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए मददगार बताया है। केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, मस्तिष्क के कुछ जरूरी हिस्से ऐसे होते हैं जो सांसों और रक्तसंचार को कंट्रोल करते हैं। अगर ऐसे हिस्सों को टार्गेट करने वाली थैरेपी का इस्तेमाल कोरोना मरीजों पर किया जाए तो उन्हें वेंटिलेटर से दूर किया जा सकता है।

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प्रोस्टेट कैंसर थैरेपी से घटता है कोविड-19 का खतरा

एन्नल्स ऑफ ऑन्कोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, प्रोस्टेट कैंसर थैरेपी ले रहे पुरुषों में कोविड-19 के मामले कम हैं। ऐसे लोगों में अगर कोरोना का संक्रमण हुआ भी है तो हालत अधिक गंभीर नहीं होती। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने यह रिसर्च ऐसे 4532 पुरुषों पर की है जो कैंसर से जूझ रहे थे।