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PM Modi Ram Setu Video: आसमान से कैसा दिखता है रामसेतु?, पीएम मोदी ने शेयर किया Video

PM Modi Ram Setu Video: केंद्र में साल 2004 से 2014 तक रही कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौरान रामसेतु पर विवाद भी हुआ। इसकी वजह ये रही कि यूपीए सरकार रामसेतु को तोड़कर उसके बीच से जहाजों के आने-जाने का रास्ता बनाना चाहती थी। सुप्रीम कोर्ट में यूपीए सरकार के दौर में भगवान राम के बारे में हलफनामा दिया गया था और इस हलफनामे पर भी विवाद हो गया था। कांग्रेस सरकार ने तब ये मानने से इनकार कर दिया था कि भगवान राम ने रामसेतु बनवाया।

रामेश्वरम। पीएम नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर गए थे। श्रीलंका में पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को अनुराधापुर में नई रेल पटरी और सिग्नल सिस्टम का उद्घाटन किया। वो अनुराधापुर के बौद्ध मठ भी गए। श्रीलंका से पीएम मोदी हेलीकॉप्टर पर सवार होकर भारत के रामेश्वरम आए। श्रीलंका के अनुराधापुर से रामेश्वरम आते वक्त पीएम मोदी ने आसमान से ही रामसेतु के दर्शन किए। पीएम मोदी ने इस नजारे को दिव्य बताया है। पीएम मोदी ने ये भी कहा है कि हेलीकॉप्टर से रामसेतु के दिव्य दर्शन के बाद उन्होंने अयोध्या में भगवान रामलला का सूर्य तिलक भी देखा। इसके बाद पीएम मोदी रामेश्वरम के रामनाथ स्वामी मंदिर पहुंचे और वहां राम नवमी के पर्व पर पूजा की। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां भगवान श्रीराम ने खुद शिवलिंग की स्थापना की थी।

भारत और श्रीलंका के बीच रामसेतु बना हुआ है। इसे भूवैज्ञानिक प्राचीन मानते हैं। रामसेतु के बारे में कहा जाता है कि जब भगवान राम लंका विजय के लिए समुद्र के तट पर पहुंचे, तब समुद्र से उन्होंने रास्ता देने की प्रार्थना की। जब समुद्र ने उनकी प्रार्थना नहीं सुनी, तब भगवान राम कुपित हुए और धनुष पर बाण चढ़ाकर समुद्र को सुखाने की ठान ली। इस पर समुद्र देव ने प्रकट होकर भगवान राम से कहा कि आपकी वानर सेना में नल और नील नाम के वानर हैं। उनको समुद्र पर पुल बनाने की कला आती है। कहते हैं कि इसके बाद नल और नील व अन्य वानरों की सहायता से भगवान राम ने समुद्र पर रामसेतु बनवाया और इससे लंका पहुंचकर रावण का वध किया।

अंतरिक्ष से ऐसा दिखता है भारत और श्रीलंका के बीच बना रामसेतु।

केंद्र में साल 2004 से 2014 तक रही कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौरान रामसेतु पर विवाद भी हुआ। इसकी वजह ये रही कि यूपीए सरकार रामसेतु को तोड़कर उसके बीच से जहाजों के आने-जाने का रास्ता बनाना चाहती थी। सुप्रीम कोर्ट में यूपीए सरकार के दौर में भगवान राम के बारे में हलफनामा दिया गया था और इस हलफनामे पर भी विवाद हो गया था। 2007 में दाखिल हलफनामा में यूपीए सरकार ने रामसेतु की अवधारणा को नकार दिया था। केंद्र की कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने हलफनामा देकर कहा था कि इस बात का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि 6500 साल पहले भगवान राम ने यह पुल बनवाया था।