
नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के आरोप में दोषी स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को मोहाली की पॉक्सो अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 28 मार्च को बजिंदर को दोषी करार दिया था। वहीं सबूतों के अभाव में अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। बजिंदर को सजा सुनाए जाने के बाद पीड़िता ने कहा कि आज बहुत सी लड़कियों और महिलाओं की जीत हुई है जो उसके शोषण का शिकार हैं। साथ ही पीड़िता ने खुद पर हमले की आशंका जताते हुए पंजाब के डीजीपी से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुहार लगाई।
साल 2018 में बजिंदर सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का यह मुकदमा दर्ज कराया गया था। पंजाब के जीरकपुर की रहने वाली पीड़िता का आरोप था कि चमत्कार के जरिए बीमारियों को ठीक करने का दावा करने वाले बलिंदर सिंह ने उसके साथ अश्लील हरकतें की। फोन पर अश्लील मैसेज भेजे और उसके साथ गलत काम किया। केस दर्ज होने के बाद बजिंदर देश छोड़कर भागने की फिराक में था मगर पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए उसे जुलाई 2018 को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। बजिंदर लंदन की फ्लाइट में सवार होने वाला था। उसके बाद उसकी कोर्ट में पेशी हुई थी।
हालांकि कुछ समय जेल में रहने के बाद उसे जमानत मिल गई थी। जाट परिवार से आने वाला बलिंदर सिंह 20 साल की उम्र में हत्या के केस में जेल गया था। जेल में किसी तरह उसका ईसाई धर्म के प्रति लगाव हो गया और बाहर निकलने के बाद उसने खुद को पादरी घोषित करते हुए चमत्कार से कई तरह की बीमारियों को ठीक करने का दावा किया। इसके बाद उसने जलंधर में एक चर्च बनवाया। आज के समय में बजिंदर के बड़ी संख्या में फॉलोअर्स भी हैं। पीड़िता ने यह भी दावा किया कि बजिंदर सिंह लोगों का धर्म परिवर्तन करा रहा है और इसके लिए उसे विदेशों से हवाला के जरिए पैसा मिलता है।