newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Caste Census Report: जातीय जनगणना पर ‘उछलने’ वाले विपक्षियों को कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने दिए अलर्ट रहने के संदेश, जानें पूरा माजरा

Caste Census Report: दरअसल, जब से नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना के सर्वे जारी किए हैं, तभी से गुट द्वारा लगातार लगातार यह प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है कि जिसकी जितनी आबादी उसका उतनाक। वहीं, बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में सर्वाधिक आबादी अतिपिछड़ों की है, जिसमें हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम भी शामिल हैं।

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है। क्या यह दांव उन्हें जीत की दहलीज पर पहुंचा सकेगा। कह पाना फिलहाल मुश्किल है, लेकिन आपको बता दें कि बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए जातीय जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है। आजाद भारत में बिहार पहला राज्य बन गया है, जिसने जातिगत जनगणना के सर्वे जारी किए।

CM NITISH KUMAR

 

वहीं अब अन्य राज्यों में भी ऐसी मांगें जोर पकड़ रही हैं। इसी कड़ी में यूपी में अखिलेश यादव ने मोर्चा संभालते हुए योगी सरकार से प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की मांग की है। उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं। महिला आरक्षण बिल पेश होने के दौरान राहुल गांधी ने ओबीसी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। हालांकि, बीजेपी ने नीतीश सरकार द्वारा जारी किए गए सर्वे को ढकोसला बताया है। गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार के इन आंकड़ों को हास्यास्पद बताया है। जिसके बाद राजनीति अपने चरम पर पहुंच चुकी है।

nitish kumar

इस बीच कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी का बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अवसर की समानता कभी भी परिणामों की समानता के समान नहीं होती। #जितनियाबादीउतनाहक का समर्थन करने वाले लोगों को पहले इसके परिणामों को पूरी तरह से समझना होगा। अंततः इसकी परिणति बहुसंख्यकवाद में होगी।

दरअसल, जब से नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना के सर्वे जारी किए हैं, तभी से एक गुट द्वारा लगातार लगातार यह प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है कि जिसकी जितनी आबादी उसका उतना हक। वहीं, बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में सर्वाधिक आबादी अतिपिछड़ों की है, जिसमें हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम भी शामिल हैं। बता दें कि आज यानी की मंगलवार को नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक आहूत की है। वहीं, जातिगत जनगणना के सर्वे को लेकर पेंस भी फंस गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में इसके विरोध में याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वो जातिगत जनगणना से जुड़े आंक़ड़ों को सार्वजनिक नहीं करेगी। लेकिन सरकार ने ऐसा किया है।  बहरहाल, अब इस पूरे मसले को लेकर बिहार सरकार का क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।