नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और चुनाव आयोग से मुलाकात की है। उन्होंने अपने हैंडल पर इसकी जानकारी दी। रमेश ने कहा, “मैंने अभी-अभी अपने सहयोगियों सलमान खुर्शीद, मुकुल वासनिक, पवन खेड़ा और गुरदीप सप्पल के साथ चुनाव आयोग से मुलाकात की है। हमने चर्चा के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ 2 सहित 6 शिकायतें सौंपी हैं।”
उन्होंने कहा, “यह चुनाव आयोग के लिए अपनी स्वतंत्रता का प्रदर्शन करके सभी दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का समय है। हमें उम्मीद है कि सम्मानित आयोग अपने संवैधानिक जनादेश को बरकरार रखेगा। हम, अपनी ओर से, इसे उजागर करने के लिए सभी राजनीतिक और कानूनी रास्ते अपनाना जारी रखेंगे।”
My colleagues @salman7khurshid, @MukulWasnik, @Pawankhera and @gurdeepsappal have just met with the Election Commission and presented and argued 6 complaints, including 2 against the PM himself.
This is the time for the Election Commission to demonstrate its independence by… pic.twitter.com/LqKbOdyvLS
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 8, 2024
सलमान खुर्शीद ने कहा, “हम अपने भाषणों में प्रधान मंत्री की टिप्पणियों से बहुत दुखी हैं, उन्होंने हमारे घोषणापत्र को ‘झूठ का पुलिंदा’ कहा है। आप किसी पार्टी से असहमत हो सकते हैं, उससे बहस कर सकते हैं, उस पर बहस कर सकते हैं, लेकिन एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी इसमें शामिल है।” हमारे राष्ट्रीय आंदोलन में यह कहना कि वह अपने घोषणापत्र में झूठ का पुलिंदा लिखेगी, हमें दुःख होता है।”
खुर्शीद ने कहा, “हम समझते हैं कि प्रधानमंत्री को ऐसी बातें कहने का कोई अधिकार नहीं है। यह मामला चुनाव आयोग के समक्ष है। मैंने उनसे इसे गंभीरता से लेने और इस पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है।”
Here’s the full text of the first complaint, on the Prime Minister’s absurd claim that the Congress Nyay Patra is attempting to divide the country and imposing the pre-independence ideology of the Muslim League pic.twitter.com/SRBx846hrO
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 8, 2024
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “हमने कई मुद्दे उठाए हैं. जिस तरह से प्रधानमंत्री ने मुस्लिम लीग को अपने घोषणापत्र में शामिल किया, उस पर हमने कड़ी आपत्ति जताई. हमने विश्वविद्यालयों में प्रधानमंत्री के होर्डिंग्स पर भी अपने विचार व्यक्त किए. चुनावों की घोषणा हो चुकी है. मंत्रालय वर्तमान में एक कार्यवाहक सरकार है और उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर इस तरह के प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है।”