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Akshardham: अक्षरधाम मंदिर में उत्सवों की श्रृंखला, महंत स्वामी महाराज के सान्निध्य में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम

Akshardham: अक्षरधाम के विशाल खुले प्रांगण में हजारों बालकों की इस विशिष्ट सभा में उनके अभिभावक भी आए थे।बालमानस के लिए संस्कारों की चेतना कितनी आवश्यक है इसकी प्रस्तुति बालकों ने स्वयं की।करीब दो घंटे के इस कार्यक्रम का सञ्चालन बालकों ने ही किया। नृत्य, संवाद तथा खेल के माध्यम से बालकों ने सभी को नियम, संस्कार तथा संयम की शिक्षा के साथ पढ़ाई में अव्वल आने की प्रेरणा दी।

नई दिल्ली। विश्व प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर पिछले १५ दिनों से विशेष सुर्ख़ियों में है। अक्षरधाम संस्थान (BAPS) के वर्तमान गुरुदेव परम पूज्य महंत स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में यहां मनाए जा रहे उत्सवों में भारी संख्या में श्रद्धालु रोज दर्शन-लाभ ले रहे हैं।उल्लेखनीय है कि अक्षरधाम के सर्जक परम पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज की स्मृति में विश्वभर में यह वर्ष शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव के निमित्त अक्षरधाम मंदिर में गुरुदेव महंत स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में विजया दशमी के दिन एक विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया गया था, जिसमें दिल्ली के १००० दंपती ने यजमान पद पर बैठकर विश्व शांति के लिए आहुतियां दीं। शरद पूर्णिमा के दिन शरद उत्सव के साथ अक्षर ब्रह्म प्राकट्य का उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया गया। इस अवसर पर संस्था के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक पू. ईश्वरचरण स्वामी ने अपने वक्तव्य में गुणातीत संत के लक्षणों को सभा के समक्ष साझा किया। उन्होंने बताया कि जीवन में सुख और शांति पाने के लिए सत्संग और संयम ही श्रेष्ठ उपाय है।

परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की प्रत्यक्ष उपस्थिति में ११ अक्टूबर को युवा दिवस मनाया गया।इस सभा में दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्रों से करीब १००० युवा-युवतियां उपस्थित थे। युवकों ने प्रशोत्तारी के माध्यम से स्वामी जी से मार्गदर्शन प्राप्त किया। युवाओं ने भगवान में निष्ठा के साथ सेवा, संयम, और राष्ट्रसेवा के मार्ग पर चलने की प्रतिज्ञा की। करवाचौथ के दिन वरिष्ठ भक्तों की एक विशेष सभा हुई जिसमें उन्होंने पारिवारिक शांति के लिए स्वामी जी से मार्ग दर्शन तथा आशीर्वाद प्राप्त किए। इस पावन अवसर पर दिल्ली में रहकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (UPSC) की तैयारी कर रहे छात्रों ने गुरुजी से प्रेरणा प्राप्त की तथा आगामी परीक्षा के लिए आशीर्वाद अर्जित किए। १४ अक्टूबर को यहां बाल दिन मनाया गया।

अक्षरधाम के विशाल खुले प्रांगण में हजारों बालकों की इस विशिष्ट सभा में उनके अभिभावक भी आए थे।बालमानस के लिए संस्कारों की चेतना कितनी आवश्यक है इसकी प्रस्तुति बालकों ने स्वयं की।करीब दो घंटे के इस कार्यक्रम का सञ्चालन बालकों ने ही किया। नृत्य, संवाद तथा खेल के माध्यम से बालकों ने सभी को नियम, संस्कार तथा संयम की शिक्षा के साथ पढ़ाई में अव्वल आने की प्रेरणा दी।

इन कार्यक्रमों के दौरान परम पूज्य महंत स्वामी जी महाराज के आशीर्वाद एवं दर्शन का लाभ प्राप्त करने के लिए देश विदेश के अनेक महानुभाव भी आ रहे हैं। इसकेअतिरिक्त उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर से भी बड़ी संख्या में भक्तजन धर्म लाभ प्राप्त करने आ रहे हैं।

 

१६अक्टूबर को प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी वंदना का विराट कार्यक्रम मनाया जाएगा।जिसमें विद्वान संतों के प्रेरक प्रवचनों के साथ बाल-युवा वृन्द की सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी।