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SII Chairman Cyrus Poonawala Suffers Heart Attack: देश को कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड देने वाले सीरम इंस्टीट्यूट के चेयरमैन साइरस पूनावाला को आया हार्ट अटैक, अब ऐसी है तबीयत

साइरस पूनावाला ने साल 1966 में पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी। इस इंस्टीट्यूट में हर तरह की वैक्सीन बनती है। कोविशील्ड नाम की कोविड यानी कोरोना वैक्सीन भी सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयार की थी। कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर खोजा था।

पुणे। देशवासियों को कोविड यानी कोरोना की वैक्सीन देने वाले पुणे के मशहूर सीरम इंस्टीट्यूट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर साइरस पूनावाला को हल्का हार्ट अटैक पड़ने की खबर है। बताया जा रहा है कि साइरस पूनावाला को शुक्रवार को हार्ट अटैक हुआ। उनको रूबी हॉल क्लीनिक में भर्ती कराया गया। जहां एंजियोप्लास्टी की गई। रूबी हॉल क्लीनिक के सलाहकार अली दारूवाला ने बयान जारी कर बताया है कि साइरस पूनावाला को 16 नवंबर को हल्का हार्ट अटैक हुआ। उनको 17 नवंबर को तड़के रूबी हॉल क्लीनिक में भर्ती कराया गया। जहां डॉ. परवेज ग्रांट, डॉ. सीएन मखाले और डॉ. अभिजीत खारडेकर ने उनकी एंजियोप्लास्टी की। अली दारूवाला ने बताया है कि साइरस पूनावाला अब ठीक हैं। अभी तक उनके बेटे आदर पूनावाला ने हालांकि आधिकारिक तौर पर अपने पिता के बारे में कुछ नहीं बताया है।

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रूबी हॉल क्लीनिक के एक अन्य अधिकारी ने बताया है कि साइरस पूनावाला को जल्दी ही छुट्टी दे दी जाएगी। एंजियोप्लास्टी में कलाई या पैर में किसी धमनी के जरिए एक तार दिल की बंद हुई धमनी तक पहुंचाया जाता है। फिर इस तार के जरिए स्टेंट डालकर उस बंद पड़ी धमनी को फैलाया जाता है। इससे खून फिर से दिल तक आसानी से पहुंचने लगता है। दिल की धमनियों में रुकावट के कारण ही हार्ट अटैक होता है। करीब 90 फीसदी तक धमनी बंद होने से हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। ज्यादा तैलीय चीजें मसलन मीट, पनीर, फुल क्रीम दूध वगैरा से धमनी में रुकावट पैदा होती है। धमनियों में रुकावट से पहले तैलीय चीजें खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। दिल की धमनी में रुकावट को खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी से स्टेंट डालना होता है। कई धमनियों में रुकावट हो, तो बायपास सर्जरी करनी पड़ती है।

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साइरस पूनावाला ने साल 1966 में पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी। इस इंस्टीट्यूट में हर तरह की वैक्सीन बनती है। कोविशील्ड नाम की कोविड यानी कोरोना वैक्सीन भी सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयार की थी। कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर खोजा था। भारत में ज्यादातर लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई गई थी। सीरम इंस्टीट्यूट के बनने से भारत में सस्ती कीमत पर लोगों को तमाम वैक्सीन मिल जाती हैं। हमें विदेश से ज्यादातर वैक्सीन आयात करने की जरूरत नहीं होती। इस तरह साइरस पूनावाला और उनके बेटे आदर ने भारत और यहां के लोगों के हित के लिए बहुत शानदार काम किया है।