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PM Narendra Modi At Anandpur Dham : सेवा ऐसी गंगा, जिसमें सभी को डुबकी लगानी चाहिए, आनंदपुर धाम में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

PM Narendra Modi At Anandpur Dham : मोदी ने कहा, आज आनंदपुर धाम में आकर मन अभिभूत है, हृदय आनंद से भर गया है। जिस भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया हो, जहां परमार्थ एक परंपरा बन चुका हो, जहां सेवा के संकल्प मानवता के कल्याण का पथ प्रशस्त करते हों, वो धरती साधारण नहीं है, इसलिए हमारे संतों ने अशोक नगर के बारे में कहा था कि यहां ‘शोक’ आने से डरता है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित आनंदपुर धाम में गुरु जी महाराज मंदिर में पूजा अर्चना की। मोदी ने आनंद सरोवर पर भी जाकर आरती की। इसके बाद पीएम ने वहां पर जनसभा को संबोधित किया। मोदी बोले, आज आनंदपुर धाम में आकर मन अभिभूत है, हृदय आनंद से भर गया है। उन्होंने कहा कि सेवा एक साधना है, एक ऐसी गंगा है जिसमें सभी को डुबकी लगानी चाहिए। जिस भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया हो, जहां परमार्थ एक परंपरा बन चुका हो, जहां सेवा के संकल्प मानवता के कल्याण का पथ प्रशस्त करते हों, वो धरती साधारण नहीं है। मोदी ने कहा, इसलिए हमारे संतों ने अशोक नगर के बारे में कहा था कि यहां ‘शोक’ आने से डरता है।

पीएम बोले, मुझे खुशी है कि आज यहां बैसाखी और श्री गुरु महाराज जी के अवतरण दिवस के उत्सव में मुझे शामिल होने का सौभाग्य मिला है। मैं इस पवित्र अवसर पर प्रथम पादशाही श्री श्री 108 श्री स्वामी अद्वेतआनंद जी महाराज और अन्य पादशाही संतों को प्रणाम करता हूं। मोदी ने अशोकनगर और आनंदपुर धाम जैसे क्षेत्रों के विकास को सरकार की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों ने देश को बहुत कुछ दिया है, अब इनका विकास हमारी जिम्मेदारी है। अशोकनगर को कला, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का वरदान मिला है, जहां विकास और विरासत की असीम संभावनाएं हैं।

मोदी ने कहा, जब हम सेवा के संकल्प से जुड़ते हैं तो हम केवल दूसरों का भला नहीं कर रहे होते हैं बल्कि सेवा की भावना हमारे व्यक्तित्व को निखारती है, हमारी सोच को व्यापक बनाती है। सेवा हमें व्यक्तिगत दायरों से निकालकर समाज, राष्ट्र और मानवता के बड़े उद्देश्यों से जोड़ती है। हम सेवा के लिए मिल जुलकर एकजुट होकर काम करना सीखते हैं। हम जीवन के अलग-अलग पहलुओं को समझते हैं। कठिनाइयों से लड़ना और उस पर विजय पाना, सेवा करते हुए हम बहुत ही सहज तरीके से यह सीख जाते हैं।