नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में दिवाली से पहले से ही वायु प्रदूषण है। हाल के दिनों में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। सुबह और रात धुंध की गहरी परत दिल्ली में देखने को मिल रही है। वायु प्रदूषण का सामना लोगों को करना पड़ रहा है और फिलहाल जानकारी ये है कि अगले करीब 1 हफ्ते तक दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं होने वाला। वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बहुत गंभीर श्रेणी में है। रविवार की सुबह भी दिल्ली और आसपास के अलग-अलग इलाकों में वायु प्रदूषण का असर देखा गया। यहां लोगों को इसी वायु प्रदूषण के बीच अपना कामकाज निपटाना पड़ रहा है।
#WATCH | Delhi: A layer of smog engulfs Kalindi Kunj and surrounding areas as the AQI is recorded at 323, categorised as ‘very poor’ according to the CPCB. pic.twitter.com/lqR0nhiVXO
— ANI (@ANI) November 10, 2024
#WATCH | Delhi: A layer of smog envelops Delhi’s Dhaula Kuan as the AQI in the area falls to 394 categorised as ‘very poor’ according to the CPCB.
Drone visuals shot at 7:20 am. pic.twitter.com/j0DkYQm0Gl
— ANI (@ANI) November 10, 2024
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि शनिवार को दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 262 और पीएम 2.5 का स्तर 149 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। जबकि, पीएम 10 का सामान्य स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का सामान्य स्तर 60 से कम होना चाहिए। इस तरह देखें, तो दिल्ली की हवा में छोटे कण काफी तादाद में मौजूद हैं और इनकी वजह से नाक, आंख और सांस से संबंधित बीमारियों से लोगों को ग्रस्त होना पड़ता है। दिल्ली में प्रदूषण बने रहने की वजह धीमी गति से हवा का चलना भी है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले करीब 6 दिन तक दिल्ली में 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा बहेगी। इतनी कम रफ्तार के कारण ये हवा प्रदूषण को देश की राजधानी से हटाने में नाकाम ही साबित होगी।
दिल्ली के तमाम इलाकों में शुक्रवार और शनिवार को एक्यूआई 400 के पार मापा गया था। अन्य जगहों पर ये 300 से 400 के बीच था। दिल्ली में हर साल ठंड के मौसम की शुरुआत से पहले इसी तरह वायु प्रदूषण होता है। इसकी बड़ी वजह आसपास के राज्यों में पराली जलाया जाना है। पराली जलाने पर किसानों को जुर्माना भी देना होता है, लेकिन इस समस्या को रोका नहीं जा सका है। बीते दिनों ही केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर खेत के क्षेत्रफल के हिसाब से 5000 से 30000 रुपए जुर्माना किया है। अब देखना है कि क्या अगले साल इतना जुर्माना पराली जलाने से किसानों को रोक पाता है या नहीं।