
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास वायु प्रदूषण बहुत गंभीर बना हुआ है। दिल्ली में मंगलवार की सुबह भी तमाम जगह एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 500 दर्ज किया गया। इस वजह से दिल्ली में गहरी धुंध छाई हुई है। दृश्यता कम होने का कई फ्लाइट्स और ट्रेन सेवाओं पर असर पड़ने की खबर है। दिल्ली के अलावा गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में भी सभी स्कूल बंद कर ऑनलाइन क्लास चलाने का फैसला संबंधित राज्यों की सरकारों ने किया है। वहीं, एमसीडी में अब सुबह 8.30 बजे से 5 बजे और दिल्ली सरकार के दफ्तरों में सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक काम होगा। राजधानी में सोमवार से ही ग्रैप-4 को लागू किया जा चुका है।
VIDEO | A layer of smog engulfs parts of Delhi. Visuals from India Gate area.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/Aohe5e5PiK
— Press Trust of India (@PTI_News) November 19, 2024
#WATCH | Trains’ movement continues amid smog in Delhi. Visuals from New Delhi Railway Station.
22 trains running late and 9 trains put back due to fog, says Railways. pic.twitter.com/bwgTTtPDc4
— ANI (@ANI) November 19, 2024
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बता रहे हैं कि आनंद विहार, बवाना, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नेहरू नगर, पंजाबी बाग, रोहिणी, सोनिया विहार, वजीरपुर, जहांगीरपुरी समेत तमाम इलाकों में एक्यूआई 500 के स्तर पर दिखा। दिल्ली में शनिवार से वायु प्रदूषण बढ़ने का सिलसिला जारी है। पंजाब में सैकड़ों खेतों की पराली में आग लगाए जाने का भी ये असर माना जा रहा है। दिल्ली की सीएम आतिशी ने राजधानी में प्रदूषण का ठीकरा पड़ोसी राज्यों पर फोड़ा है। वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए उनकी पार्टी और बीजेपी को साथ आकर काम करना होगा।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में हर साल ठंड की शुरुआत से ही प्रदूषण बढ़ता है। इस साल भी ऐसा ही हुआ है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में कई जगह खेतों में पराली जलाने और अन्य राज्यों की डीजल से चलने वाली गाड़ियों के आने के कारण प्रदूषण सबसे ज्यादा बढ़ता है। पराली जलाने से वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा बढ़ता है। दूसरे नंबर पर डीजल से चलने वाली गाड़ियां हैं। बावजूद इसके दिल्ली सरकार अब तक कोई ठोस उपाय नहीं अपना सकी है। केंद्र सरकार ने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पराली जलाने पर जुर्माने की राशि दोगुनी की है, लेकिन कार्रवाई करने का हक राज्यों की सरकारों का है।