नई दिल्ली। दिल्ली और आसपास के इलाकों को वायु प्रदूषण से निजात न जाने कब मिलेगी! दिवाली के पहले से ही दिल्ली और आसपास प्रदूषण बढ़ना शुरू हो गया था। ये सिलसिला अब भी जारी है। दिल्ली में शनिवार तड़के तमाम इलाकों में जबरदस्त प्रदूषण बना हुआ था। दिल्ली के बवाना, न्यू मोतीबाग, रोहिणी और विवेक विहार में हवा की गुणवत्ता यानी एक्यूआई का स्तर 400 से ज्यादा दर्ज किया गया। जबकि, दिल्ली के अन्य इलाकों में एक्यूआई का स्तर 300 से 400 के बीच रहा। वहीं, दिल्ली से लगे फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई।
Watch: Delhi’s Geeta Colony Highway recorded high pollution levels early in the morning, with the AQI reaching 350 at 5:15 am, indicating significantly poor air quality pic.twitter.com/NGOqzC8dT9
— IANS (@ians_india) November 9, 2024
#WATCH | Delhi: Shubham, a local, says, “Pollution causes breathing problems, especially among the aged… Pollution has been continuously increasing since Diwali…” https://t.co/GPDVajj1aw pic.twitter.com/IR0mafQcGH
— ANI (@ANI) November 9, 2024
#WATCH | Delhi: A layer of smog engulfs the area surrounding Akshardham as the AQI drops to 393, categorised as ‘very poor’ according to the CPCB. pic.twitter.com/Kao3V11q8l
— ANI (@ANI) November 9, 2024
#WATCH | Delhi: A cyclist at India Gate says, “… There is no one factor affecting Delhi’s air, stubble, vehicular pollution, people have burst crackers as well, all these reasons have contributed to the smog. Just like there is no one problem, there is no single solution.… https://t.co/Xerv1he4pP pic.twitter.com/3vDebLmnGX
— ANI (@ANI) November 9, 2024
दिल्ली और आसपास के इलाकों में हर साल ठंड की शुरुआत से पहले ही प्रदूषण बढ़ता है। इसकी मुख्य वजह पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के खेतों में पराली जलाया जाना है। पश्चिमी यूपी और हरियाणा के मुकाबले इस साल भी पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट को भी ये जानकारी एक हलफनामे के जरिए दी गई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से पूछा कि पराली जलाने वाले किसानों पर क्या कार्रवाई हुई। इसके जवाब में कोर्ट को पता चला कि राज्यों ने किसानों पर केस दर्ज किए और मामूली जुर्माना लगाया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को फटकार लगाई। राज्यों को फटकार लगने के बाद बीते दिनों केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माने को बढ़ाकर 5000, 10000 और 30000 कर दिया।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले दावा किया कि वो पराली जलाने की समस्या को बायो डिकंपोसज केमिकल के जरिए खत्म कर देगी। दिल्ली में कई जगह खेतों में इसका छिड़काव भी किया गया। बावजूद इसके पराली की समस्या और उसे जलाने से होने वाले प्रदूषण से दिल्ली और एनसीआर के लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है। इन सभी इलाकों में लोगों को स्वास्थ्य खराब करने वाली जहरीली हवा का सामना हर साल करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण से मुक्ति तभी मिलेगी, जब बारिश होगी और फिलहाल इसके आसार भी नहीं दिख रहे हैं।