
नई दिल्ली। आए दिन वीडियो जारी कर भारत को धमकी देने वाला खालिस्तान समर्थक और आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) का चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू का पिछले 48 घंटे से ज्यादा वक्त से अता-पता नहीं है। सोशल मीडिया पर गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर दो तरह की चर्चा चल रही है। पहली चर्चा ये है कि कुछ अज्ञात लोगों ने पन्नू को अगवा कर लिया है। दूसरी चर्चा उसके छिपने की है। दरअसल, गुरपतवंत सिंह पन्नू कनाडा में रहता है। कनाडा के सरे शहर में बीते 18 जून को 10 लाख के इनामी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से ही पन्नू सामने नहीं आया है।

हरदीप सिंह निज्जर से पहले कनाडा में ही खालिस्तानी परमजीत सिंह पंजवार की भी अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। वहीं, ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग से तिरंगा उतारने की कोशिश करने वाले एक और बड़े खालिस्तानी कट्टरपंथी अवतार सिंह खंडा की भी संदिग्ध हालत में बर्मिंघम के अस्पताल में मौत हुई थी। चर्चा इसकी थी कि खंडा को किसी ने जहर दे दिया था। हालांकि, खंडा के खालिस्तानी समर्थकों का दावा था कि अवतार सिंह खंडा को ब्लड कैंसर था। जिसकी वजह से उसकी जान गई, लेकिन मौत से कुछ दिन पहले जिस जोश से खंडा लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग पर चढ़कर झंडा उतारते देखा गया था, उससे नहीं लगता कि वो बहुत बीमार था।

गुरपतवंत सिंह पन्नू और हरदीप सिंह निज्जर के बीच खासी करीबी थी। पन्नू और निज्जर ने ऑस्ट्रेलिया जाकर खालिस्तान के पक्ष में जनमत संग्रह का काम भी किया था। कई अन्य देशों में भी पन्नू और निज्जर जाते थे। खालिस्तान टाइगर फोर्स का नेता रहा निज्जर साल 2019 में पन्नू के साथ आया था। जिसके बाद पन्नू ने साल 2020 में उसे खालिस्तान के पक्ष में कनाडा में जनमत संग्रह कराने का जिम्मा दिया था। हरदीप सिंह निज्जर भी खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) में शामिल हो गया था। सरे समेत कनाडा के तमाम शहरों में भारत विरोधी प्रदर्शन में भी निज्जर हिस्सा लेता था।