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Shaktikanta Das On Challenge Before New RBI Governor: नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या?, बता गए शक्तिकांत दास

Shaktikanta Das On Challenge Before New RBI Governor: रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर पद पर शक्तिकांत दास का 6 साल का कार्यकाल मंगलवार को पूरा हो गया। अब संजय मल्होत्रा बुधवार से आरबीआई के गवर्नर होंगे। अपने कार्यकाल के अंतिम दिन शक्तिकांत दास ने आरबीआई के सामने बड़ी चुनौती की चर्चा की।

मुंबई। रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर पद पर शक्तिकांत दास का 6 साल का कार्यकाल मंगलवार को पूरा हो गया। अब संजय मल्होत्रा बुधवार से आरबीआई के गवर्नर होंगे। संजय मल्होत्रा अब तक वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव पद पर थे। संजय मल्होत्रा के आरबीआई गवर्नर बनने से पहले निवर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास ने उनके लिए बड़ी चुनौती का जिक्र किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर पद के कार्यकाल में अंतिम दिन शक्तिकांत दास ने नए आरबीआई गवर्नर के सामने बड़ी चुनौती का जिक्र किया। उन्होंने कई और चुनौतियों की भी बात कही और सीबीडीसी के बारे में अपनी राय रखी।

शक्तिकांत दास ने कहा है कि आरबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती महंगाई पर नियंत्रण पाना है। शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई को दायरे में लाना आरबीआई के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को भी भविष्य की मुद्रा बताया। शक्तिकांत दास ने अपने कार्यकाल में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए लगातार 13 बार एमपीसी की मीटिंग के बाद रेपो रेट की दर 6.50 फीसदी से कम न करने का एलान किया था। इसकी वजह ये है कि खुदरा और थोक महंगाई की दर 4 फीसदी के आसपास नहीं आ रही है। अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई की दर 6.21 फीसदी रही थी। वहीं, थोक महंगाई की दर 2.2 फीसदी से ज्यादा थी।

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शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी के भी खिलाफ रहे। उनका मानना था कि क्रिप्टोकरेंसी से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को खतरा है। शक्तिकांत दास के आरबीआई गवर्नर रहते सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी भी लॉन्च की गई। इसे अपने बैंक खाते से जोड़कर लोग यूपीआई की तरह ऑनलाइन पेमेंट करने में सक्षम हैं। शक्तिकांत दास आरबीआई का गवर्नर बनने से पहले मोदी सरकार में राजस्व और आर्थिक मामलों के सचिव रहे थे। मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पीएम नरेंद्र मोदी उनके वित्त संबंधी जानकारियों से प्रभावित हुए। जबकि, शक्तिकांत दास ने अपनी पढ़ाई-लिखाई इतिहास विषय से की थी। इसे लेकर कांग्रेस ने कई बार सवाल उठाए कि जिस व्यक्ति ने अर्थशास्त्र की शिक्षा नहीं ली, उसे आरबीआई का गवर्नर बना दिया गया, लेकिन शक्तिकांत दास ने वित्त सचिव और फिर आरबीआई के गवर्नर रहते साबित कर दिया कि उनको इस क्षेत्र की कितनी गहन जानकारी है।