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Shankaracharya Wants Temple Back From Govt Control: ‘मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर नहीं तो मंदिर सरकारी नियंत्रण में क्यों?’, द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने उठा दी ये मांग

Shankaracharya Wants Temple Back From Govt Control: शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने वक्फ के बारे में भी अपनी राय रखी। उन्होंने पलटकर सवाल किया कि न तो वक्फ का उल्लेख कुरान में है और न ही संविधान में। फिर वक्फ नाम का शब्द कहां से आ गया? स्वामी सदानंद सरस्वती ने सनातन बोर्ड बनाने की भी मांग की। शंकराचार्य ने सनातन की ताकत और महाकुंभ को भी जोड़ा। स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि अगर किसी को सनातन की एकता देखनी है, तो उनको महाकुंभ में आकर देखना चाहिए।

प्रयागराज। काफी दिनों से ये मांग उठ रही है कि मंदिरों को सरकारों के नियंत्रण से मुक्त किया जाए और सनातन बोर्ड बनाकर उनको मंदिरों की देखरेख की जिम्मेदारी दी जाए। अब इसी मांग को द्वारका के शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने भी उठा दिया है। शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि हमारे मंदिर सरकारों के अधीन हैं। हमें मंदिरों में राजनीतिक दखल नहीं चाहिए। स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि जब मस्जिदों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों की व्यवस्था सरकारों के अधीन नहीं, तब मंदिर क्यों सरकारी नियंत्रण में हैं? द्वारका पीठ के शंकराचार्य ने कहा कि तिरुपति बालाजी, बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर सरकारों के नियंत्रण में क्यों हैं?

शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने वक्फ के बारे में भी अपनी राय रखी। उन्होंने पलटकर सवाल किया कि न तो वक्फ का उल्लेख कुरान में है और न ही संविधान में। फिर वक्फ नाम का शब्द कहां से आ गया? स्वामी सदानंद सरस्वती ने सनातन बोर्ड बनाने की भी मांग की। शंकराचार्य ने सनातन की ताकत और महाकुंभ को भी जोड़ा। स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि अगर किसी को सनातन की एकता देखनी है, तो उनको महाकुंभ में आकर देखना चाहिए। उन्होंने प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ की तारीफ की। शंकराचार्य ने कहा कि महाकुंभ में धर्म की रक्षा के लिए हम शामिल हुए।

स्वामी सदानंद सरस्वती ने मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के प्रचार को बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए ताकि आने वाली पीढ़ी हमारे धर्म के बारे में ज्यादा समझ सके। उन्होंने कहा कि भारत की एकता कुंभ में दिखती है। जहां करोड़ों लोग एक ही घाट पर स्नान कर रहे हैं। अनेकता में एकता ऐसे ही साबित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि निजी जीवन और वर्ण व्यवस्था में अनेकता दिखती है, लेकिन सनातनी एक हैं। शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि विपक्षी दल अपना काम कर रहे हैं। हमारा काम हम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अपने अधिवेशन पर करोड़ों रुपए खर्च करते हैं, तो कुछ नहीं, लेकिन हमारे आयोजनों पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने इन बातों को मूर्खतापूर्ण बताया।