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Shankaracharya Statue Kedarnath: केदारनाथ में इस अद्भुत आदिशंकराचार्य प्रतिमा से जुड़ी ये रोचक बातें नहीं जानते होंगे आप

Shankaracharya Statue Kedarnath: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपने केदारनाथ दौरे पर एक बार फिर शिवभक्ति के रंग में रंगे नज़र आए। यहां उन्होंने बाबा केदारनाथ का रूद्राभिषेक करने और कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करने के अलावा आदि जगद्गुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची ब्लैक स्टोन से बनी प्रतिमा का अनावरण किया।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपने केदारनाथ दौरे पर एक बार फिर शिवभक्ति के रंग में रंगे नज़र आए। यहां उन्होंने बाबा केदारनाथ का रूद्राभिषेक करने और कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करने के अलावा आदि जगद्गुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची ब्लैक स्टोन से बनी प्रतिमा का अनावरण किया। आठ साल पहले 2013 में आई भयावह दैवीय आपदा में आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि भी बह गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देश पर केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत आदिजगद्गुरु शंकराचार्य की समाधि विशेष डिजाइन से तैयार की गई है। मैसूर के मूर्तिकारों ने 35 टन ब्लैक स्टोन पर आदिशंकराचार्य की भव्य और आकर्षक मूर्ति तैयार की है। ये मूर्ति कुछ ऐसी बनाई गई है कि जो भी इसे देखेगा वो मैसूर के मूर्तिकारों के कौशल और मेहनत की दाद दिए बिना नहीं रह पाएगा।

पांच पीढ़ियों से मूर्तिकला की विरासत को संजोए हुए मैसूर के मूर्तिकार योगीराज शिल्पी और उनके बेटे अरुण ने साथ मिलकर मूर्ति निर्माण का काम पूरा किया है। आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण के लिए देश भर के मूर्तिकारों की ओर से अपना मॉडल पेश किया गया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से योगीराज शिल्पी को प्रतिमा तैयार करने के लिए अनुबंध किया गया। इस विशेष परियोजना के लिए योगीराज ने कच्चे माल के रूप में लगभग 120 टन पत्थर की खरीद की। छेनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इसका वजन लगभग 35 टन रह गया…योगीराज ने साल 2020 के सितंबर महीने से प्रतिमा बनाने का काम शुरू किया था।

प्रतिमा की चमक के लिए उसे नारियल पानी से पॉलिश किया गया। इस मूर्ति को सेना के सबसे बड़े हेलीकाप्टर से 25 जून को केदारनाथ लाया गया था। आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे छह मीटर जमीन की खुदाई करके बनाई गई है, समाधि के बीचोंबीच आदिशंकराचार्य की प्रतिमा को स्थापित किया गया है। मूर्ति के अनावरण के लिए पहुंचे पीएम मोदी ने भी समाधि के पुनर्निमाण के काम में जुटे श्रमिकों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यहां मौसम की प्रतिकूलता के चलते काम का समय काफी कम मिलता है…बर्फबारी के बीच भी काम में जुटे श्रमिकों ने अद्भुत प्रदर्शन किया है।

यहां आपको बताते चलें कि आदि जगद्गुरु शंकराचार्य भारत के एक महान दार्शनिक और धर्मप्रवर्तक थे। उन्होने अद्वैत वेदान्त को ठोस आधार प्रदान किया था, उनका जन्म 508 ई.पू. में हुआ और 477 ई.पू. में उन्होंने महासमाधि ली। शंकराचार्य ने भारत के चार कोनों में चार मठों की स्थापना की थी, जो सनातन धर्म के सबसे पवित्र चार धामों में मौजूद हैं। आदिगुरू शंकराचार्य ने मात्र 32 साल के जीवन काल में सनातन धर्म को ओजस्वी शक्ति देने का काम किया।