
नई दिल्ली। भारत की विश्वविख्यात यूनिवर्सिटी JNU के पूर्व छात्र नेता और दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश में आरोपी उमर खालिद ने डेली टेलीफोन सुविधा के लिए एक अप्लाई किया है। कोर्ट ने इस मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया है। शरजील इमाम द्वारा दायर इसी तरह की एक अर्जी भी अदालत में लंबित है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को नोटिस जारी कर उमर खालिद की अर्जी पर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले को आगे की सुनवाई 21 जनवरी को होगी। उमर खालिद सितंबर 2020 से न्यायिक हिरासत में है। पिछले साल उसे अपनी बहन की शादी के लिए एक हफ्ते की अंतरिम जमानत मिली थी। जिसके बाद वो शादी में शामिल हो सका था।
आपको बता दें कि इससे पहले उनकी नियमित जमानत अर्जी अक्टूबर 2022 में दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने खारिज कर दी थी। उधर, शरजील इमाम ने तिहाड़ जेल में पहले दी गई कैदी फोन कॉलिंग सुविधा को फिर से शुरू करने की मांग करते हुए आवेदन किया। सितंबर में जेल अधिकारियों द्वारा जारी एक सर्कुलर के बाद यह सुविधा बंद कर दी गई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने विधि अधिकारियों सहित जेल अधीक्षकों को तलब किया था। अधिकारियों ने बताया था कि वे नियम का पालन कर रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी की आचरण रिपोर्ट तलब की। यह मामला भी 21 जनवरी को ही लिस्ट किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ JNU के ही छात्र नेता शरजील की ओर से दायर आवेदन में अभियुक्त को दिल्ली जेल नियम, 2018 के नियम 629 के तहत प्रदान की गई कैदी फोन कॉलिंग सुविधा को फिर से शुरू करने की मांग की गई है क्योंकि वह न्यायिक हिरासत में बंद है। एडवोकेट अहमद इब्राहिम के माध्यम से दायर आवेदन में कहा गया है कि जेल अधिकारियों द्वारा बिना किसी कारण के या आवेदक को इसका विरोध करने का कोई अवसर प्रदान किए बिना सुविधा बंद कर दी गई और इसे आज तक फिर से शुरू नहीं किया गया है। याचिका में उसे डेली कॉलिंग सुविधा के मुकाबले प्रत्येक सप्ताह एक कॉल करने की अनुमति दी जाए, जो पहले उपलब्ध थी। शरजील इमाम 28 जनवरी 2020 से तिहाड़ जेल में यूएपीए और देशद्रोह से जुड़ी अन्य धाराओं के तहत दर्ज मामले में लगातार जेल में बना हुआ है।