
नई दिल्ली। बड़ी खबर दिल्ली से आ रही है। दिल्ली की एक अदालत ने साल 2019 में जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के कंपाउंड और बाहर हिंसा के मामले में आरोपी शरजील इमाम को बरी कर दिया है। ये हिंसा सीएए कानून के विरोध में हुई थी। शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस ने हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इस संबंध में 296 नंबर एफआईआर दर्ज कर उसमें शरजील इमाम का नाम पुलिस ने दिया था। शरजील को इससे पहले पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट से एक मामले में राहत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की एक टिप्पणी के मामले में शरजील इमाम को राहत दी थी।
Delhi Court discharges Sharjeel Imam in 2019 Jamia violence case (FIR 296 of. 2019).#DelhiCourt #SharjeelImam #JamiaViolence pic.twitter.com/Lk1XiI6Ngt
— Live Law (@LiveLawIndia) February 4, 2023
दिल्ली में दंगों के आरोपी रहे शरजील इमाम ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इस अर्जी में कहा गया था कि दंगों के एक और आरोपी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद की जमानत अर्जी खारिज करने के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ टिप्पणी की है। शरजील इमाम ने इस टिप्पणी को हटाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने दंगों की साजिश में शामिल होने के मामले में 18 अक्टूबर 2022 को अपने आदेश में शरजील इमाम को भी शामिल किया था।
शरजील इमाम ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शरजील ने दलील दी थी कि वो कभी उमर खालिद के मामले में पक्षकार ही नहीं था। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट की उसके बारे में टिप्पणी सही नहीं है। शरजील इमाम ने आदेश से टिप्पणी हटाने की मांग की थी। शरजील इमाम ने ये मांग भी की थी कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर एकतरफा रोक लगाई जाए। उसका कहना था कि उमर खालिद की जमानत अर्जी के साथ अगर उसकी जमानत अर्जी पर भी सुनवाई की गई, तो उसमें इसका क्या कसूर है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी का शरजील के केस पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।