
पटियाला। एक वक्त था, जब हर देशविरोधी ताकत के खिलाफ शिवसेना अपनी आवाज बुलंद करती थी, लेकिन महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस NCP और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद शिवसेना का चेहरा बदल गया है। शिवसेना ने खालिस्तान के खिलाफ आवाज उठाने पर पंजाब में अपने ही नेता हरीश सिंगला को पार्टी से निकाल दिया। सिंगला ने शुक्रवार को पटियाला में खालिस्तान विरोधी मार्च निकाला था। उन्हें पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार भी कर लिया है। शिवसेना के पंजाब प्रमुख योगराज शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सिंगला को निकाला जाता है। योगराज के मुताबिक ये फैसला शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और राष्ट्रीय सचिव अनिल देसाई ने लिया है।
योगराज ने कहा कि सिंगला पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष थे और खुद को कार्यकारी अध्यक्ष बताते थे। उन्होंने ये भी कहा कि शिवसेना ने 10 दिन पहले ही पटियाला पुलिस से कह दिया था कि हरीश सिंगला के मार्च से शिवसेना का कोई लेना-देना नहीं है। इस पर सिंगला ने पलटवार किया और कहा कि योगराज शर्मा उन्हें पार्टी से निकाल नहीं सकते। योगराज सिर्फ नए सदस्यों को पार्टी से जोड़ सकते हैं और मैं वरिष्ठ नेता हूं। सिंगला ने कहा कि 15 दिन पहले प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस SFJ के गुरपतवंत सिंह पन्नून ने खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने का एलान किया था। अगर वे खालिस्तान समर्थक नारेबाजी करवा सकता है, तो हम विरोध में नारे क्यों नहीं लगा सकते।
बता दें कि पटियाला में काली मंदिर के पास बीते कल खालिस्तान के पक्ष और इसके खिलाफ जुलूस निकालने को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। दोनों पक्षों ने तलवारें लहराई थीं और पथराव किया था। पुलिस को यहां हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। एक एसएचओ समेत कई पुलिसकर्मी और कुछ लोग इस घटना में चोटिल हुए थे। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया था।