
नई दिल्ली। भारत के आजाद होने के बाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी का निधन हो गया है। इन्होंने 106 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली। श्याम सरन हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के रहने वाले थे। हाल ही में नेगी ने हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के चुनाव के लिए 2 नवंबर को अपना डाक मतपत्र के जरिए वोट दिया था। जिला प्रशासन नेगी के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है। खबरों के अनुसार, वोटिंग के दौरान भी श्याम सरन नेगी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था वह पिछले कई दिनों से बीमार थे। हम आपको बता दें कि उन्होंने 2 नवंबर को अपनी 34वीं बार हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के लिए अपना मत दिया था। किन्नौर के डीसी ने बताया कि श्याम सरन नेगी का आज सुबह उनके पैतृक स्थान कल्पा में निधन हुआ था।
जयराम ठाकुर ने जताया शोक
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी ट्विट कर आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी के मृत्यु पर शोक जताया। सीएम ने ट्विट कर लिखा- “स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता और किन्नौर निवासी श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। उन्होंने अपना कर्तव्य पूरा करते हुए 34वीं बार विधानसभा के चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला। यह याद हमेशा भावुक करेगी, ओम शांति।” इसके आगे वह लिखते है भगवान उनकी आत्मा को श्रीचरण में स्थान दें साथ ही उनके परिजनों को संबल प्रदान करें।
Himachal Pradesh | 106-year-old Shyam Saran Negi, the first voter of Independent India, passed away this morning at his native place in Kalpa. He will be cremated with full state honour: DC Kinnaur https://t.co/gMtKSstqjp
— ANI (@ANI) November 5, 2022
कैसे बनें पहले मतदाता
आपको बता दें कि नेगी जी ने बताया था कि मुझे ड्यूटी के तहत अपने गांव के पड़ोस वाले गांव के स्कूल में चुनाव कराना था, लेकिन मेरा खुद का वोट मेरे गांव कल्पा में था मैं एक दिन पहले अपने घर पहुंचा था उस वक्त कड़कड़ाती ठंड में सुबह के 6 बजे मैं पोलिंग बूथ पर पहुंच गया था। तब वहां कोई वोटर नहीं पहुंचा था मैंने वहां पोलिंग कराने वाले का इंतजार किया जैसे ही वह आए मैनें उनसे आग्रह किया कि वह मुझे वोट डालने दें क्योंकि मुझे अपने गांव से 9 किलोमीटर दूर मूरांग गांव जाकर चुनाव कराना है, इसलिए मुझे वोट डालने दें उन्होंने मेरी समस्या समझी और निर्धारित समय से आधे घंटे पहले उन्होंने मुझे वोट डालने दिया।