एसआई हरजीत सिंह की हॉस्पिटल से 18 दिन बाद छुट्टी, निहंगों ने काट दी थी कलाई

12 अप्रैल को पटियाला में कर्फ्यू पास मांगने पर भड़के निहंगों ने तलवार से हमला करके पंजाब पुलिस के एसआई हरजीत सिंह की कलाई अलग कर दी थी। गुरुवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

Avatar Written by: April 30, 2020 6:30 pm

चंडीगढ़। 12 अप्रैल को पटियाला में कर्फ्यू पास मांगने पर भड़के निहंगों ने तलवार से हमला करके पंजाब पुलिस के एसआई हरजीत सिंह की कलाई अलग कर दी थी। जिसके बाद चंडीगढ़ पीजीआई में 9 डॉक्टरों की टीम ने साढ़े सात घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद जोड़ा था। गुरुवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

पंजाब पुलिस के एसआई हरजीत सिंह को 18 दिन बाद गुरुवार को चंडीगढ़ पीजीआई से छुट्‌टी दे दी गई। उन्हें डिस्चार्ज कराने पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता अस्पताल पहुंचे। उन्होंने हरजीत का हौसला बढ़ाया। वहीं, पीजीआई के प्रोफ़ेसर सुनील गाबा ने बताया कि हरजीत अब बिल्कुल ठीक है। उनकी उंगलियां भी चल रही हैं। हाथ में ब्लड का फ्लो और ऑक्सीजन सैचुरेशन भी ठीक हो गया है। ऐसे में अब उन्हें दो-तीन दिन बाद जांच के लिए बुलाया गया है। हालांकि, यह सिलसिला अभी 2 से 3 महीने तक चलेगा। डिस्चार्ज होने के दौरान हरजीत ने डॉक्टरों की टीम को सैल्यूट किया।

निहंगों ने हमला करके काट दी थी कलाई

12 अप्रैल को पटियाला में कर्फ्यू पास मांगने पर भड़के निहंगों ने तलवार से हमला करके हरजीत सिंह की कलाई हाथ से अलग कर दी थी। इसके बाद हरजीत सिंह को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया था। यहां पर उनके हाथ को जोड़ने के लिए ऑपरेशन किया गया जो करीब साढ़े सात घंटे चला था। 9 डॉक्टर्स की टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था।

हर तरफ हैं बहादुरी के चर्चे, एसआई प्रमोट किया जा चुका

इस घटना के बाद एसआई हरजीत सिंह की निडरता के चर्चे हर ओर हुए। ऐसा इसलिए क्योंकि हाथ कटने के बाद हरजीत सिंह घबराए नहीं, बल्कि अपना हाथ खुद उठाकर घटनास्थल से अस्पताल गए। इसके बाद डॉक्टरों के साथ उन्होंने जैसे सहयोग किया वह काबिले तारीफ था। पंजाब के सीएम कैप्टन अमिरंदर सिंह ने भी हरजीत से वीडियो कॉल पर बात की। इसके बाद हरजीत सिंह को एएसआई से एसआई प्रोमोट कर दिया गया।

80 हजार पुलिस वालों के सीने पर एक ही नाम ‘हरजीत सिंह’

हरजीत सिंह के सकुशल होने पर उन्हें सलाम करने के लिए डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने एक अनोखा रास्ता अपनाया। सोमवार को डीजीपी से लेकर निचले स्तर तक 80 हजार कर्मचारियों ने नेम प्लेट पर हरजीत सिंह के नाम का स्टिकर लगाया था। थानों में एसएचओ ने हरजीत सिंह को सम्मान देने के लिए और उसके ठीक होने की खुशी को जाहिर करने के लिए हाथों में पोस्टर पकड़कर कहा था- मैं भी हरजीत सिंह।