
बेंगलुरु। कर्नाटक के स्थानीय निवासियों को प्राइवेट जॉब में 100 फीसदी आरक्षण देने के सिद्धारामैया सरकार के फैसले पर विरोध की आवाजें उठने के बाद अब सरकार ने इसमें संशोधन करने का फैसला किया है। सीएम सिद्धारामैया ने अपना वो ट्वीट डिलीट कर दिया है, जिसमें उन्होंने कर्नाटक के लोगों को निजी क्षेत्र की ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर 100 फीसदी आरक्षण देने संबंधी बिल को कैबिनेट की मंजूरी की जानकारी दी थी। अब सरकारी सूत्रों का कहना है कि 100 फीसदी नहीं, कम सीमा में आरक्षण लागू किया जाएगा।
सिद्धारामैया सरकार के निजी क्षेत्र में कर्नाटक के निवासियों को 100 फीसदी आरक्षण देने का विरोध शुरू हो गया था। तमाम बड़े उद्योगपतियों ने इस बारे में अपना विरोध जताया था। इनमें मशहूर महिला उद्यमी किरण मजुमदार शॉ भी शामिल हैं।
As a tech hub we need skilled talent and whilst the aim is to provide jobs for locals we must not affect our leading position in technology by this move. There must be caveats that exempt highly skilled recruitment from this policy. @siddaramaiah @DKShivakumar @PriyankKharge https://t.co/itYWdHcMWw
— Kiran Mazumdar-Shaw (@kiranshaw) July 17, 2024
#WATCH | Bengaluru: Businessman and philanthropist TV Mohandas Pai says, “…If you want to promote Kannadigas for jobs, spend more money on higher education. Give training to them. Spend more money on skill development. Spend more money on internships, spend more money on… https://t.co/qDQgUeSAXx pic.twitter.com/Uzu2VVh8cX
— ANI (@ANI) July 17, 2024
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का अब कहना है कि 100 फीसदी की जगह निजी क्षेत्र में ग्रुप सी के पदों पर 50 फीसदी और ग्रुप डी के पदों पर 70 फीसदी आरक्षण को लागू किया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा में बिल पेश किए जाने की उम्मीद है। वहीं, विपक्षी बीजेपी ने इसे सिद्धारामैया सरकार का स्टंट बताया है। बीजेपी का कहना है कि लोकसभा चुनाव में सिद्धारामैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस को झटका लगा। वहीं, बेरोजगारों के लिए कुछ न करने के साथ ही कर्नाटक सरकार की तरफ से आम जनता के लिए काम न किए जाने पर भी लोगों में भारी गुस्सा है। इसे देखते हुए ही सिद्धारामैया सरकार निजी क्षेत्र में आरक्षण देने संबंधी कानून बनाने की कोशिश कर रही है। कुल मिलाकर इस मसले पर सियासत गर्माती दिख रही है। अब सबकी नजर इस पर है कि जब कांग्रेस सरकार की तरफ से आरक्षण का बिल कर्नाटक विधानसभा में पेश होगा, तब उस पर विपक्षी बीजेपी और जेडीएस का क्या रुख रहता है।