
नई दिल्ली। पहले कभी किसी आजाद परिंदे की भांति खुले आसमान में सांस लेने वाले नवजोत सिंह सिद्धू आजकल सलाखों के पीछे हैं। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को गुरनाम सिंह हत्या मामले में एक साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, इस सजा से बचने के लिए गुरु ने एक नहीं, बल्कि कई पैंतरे आजमाए थे, लेकिन अफसोस उनका कोई भी पैंतरा उन्हें सजा से बचा नहीं पाया, लिहाजा सिद्धू आजकल सलाखों के पीछे अपने दिन काट रहे हैं। लगा था कि जेल में रहेंगे तो गुरू की गर्मी थोड़ी कम हो जाएगी। गर्म खून ठंडा हो जाएगा। लेकिन साहब का खून तो जेल में भी खोल रहा है। वहां सिद्धू शाब्दिक वाण छोड़े जा रहे हैं। खबर है कि उनका जेल में किसी बात को लेकर दूसरे कैदी साथियों संग झगड़ा हो गया। मामला बढ़ता देख जेल प्रशासन को दखल देना पड़ गया। जिसके बाद जैसे तैसे मामला शांत करवाया गया। चलिए, जानते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या था।
जानें पूरा माजरा
दरअसल, कुछ कैदियों ने नवजोत सिंह सिद्धू को बिना खबर किए ही उनके कार्ड से लिमिट से अधिक खरीदारी कैंटिन से कर ली थी। उधर, सिद्धू को जैसे ही इसके बारे में पता लगा कि उनके कैदी साथियों उन्हें बिना बताए उनके कार्ड से सीमा से अधिक खरीदारी की है, तो उनका पारा गरमा गया। और उन्होंने अपने कैदी साथियों की जमकर क्लास लगा दी। जिस पर उनके साथियों ने आपत्ति भी जताई और उन्हें चेताया भी आप हमसे इस तरह तू-तड़ाक वाला भाषा में बात नहीं कर सकते हैं, लेकिन पहले से ही बेशुमार दुश्वारियों से जूझ रहे गुरु अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए। और उन्होंने अपने साथी कैदियों के साथ अभद्र व्यवहार करने में गुरेज नहीं किया। जिसके बाद यह पूरा माजरा जेल प्रशासन के संज्ञान में पहुंचाया गया, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत उचित कार्रवाई की, ताकि मामले को ज्यादा तूल देने से रोका जा सकें।
जेल प्रशासन ने उठाया ये कदम
बता दें कि सिद्धू का दूसरे कैदी साथियों के साथ विवाद होने के बाद जेल प्रशासन ने सिद्धू के साथ-साथ उनके साथ रहने वाले कैदियों की भी बैरक बदल दी, ताकि उनका फिर कभी किसी के साथ विवाद न हो। वहीं, सिद्धू के साथ तीन अन्य कैदियों की भी बैरक बदल दी गई है। उधर, इस पूरे प्रकरण पर टिप्पणी कर जेल अधीक्षक मनजीत सिंह टिवाणा ने सिद्धू का किसी भी कैदी साथियों के साथ विवाद होने से इनकार किया है। खैर, अब जेल प्रशासन ने एक ऐसी व्यवस्था कर दी है, ताकि किसी का किसी भी दूसरे कैदी के साथ कोई विवाद न हो। उधर, जेल प्रशासन की तरफ से बैरक में बंद सभी कैदियों पर विशेष नजर है।