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सिद्धू ने सोशल मीडिया पर साझा की ऐसी तस्वीर, तो लेने लग गए लोग मजे, कहने लगे- ‘कुत्ते को घी हजम नहीं होता’…!

अब आप खुद ही देख लीजिए। आज ही यानी की रविवार को उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने दोस्तों संग एक तस्वीर साझा की थीं। उन्हें लगा कि होगा कि उनकी इन तस्वीरों को देखकर लोग खूब प्यार बरसाएंगे। खुशगवार कमेंट करेंगे।

नई दिल्ली।  नवजोत सिंह सिद्धू…इनको तो जानते ही होंगे आप…पंजाब का मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब पाल रहे थे…लेकिन वक्त की मार देखिए कि पंजाब के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देना पड़ गया…वजह बनी पंजाब में कांग्रेस की करारी हार…कहा गया कि आतंरिक कलह की वजह से पार्टी की हारी है…लिहाजा पार्टी आलाकमान की तरफ से उनसे इस्तीफा मांगा गया…आपको तो पता ही होगा कि बीते दिनों में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी सरीखे राष्ट्रीय दलों को छठ्ठी का दूध याद दिलाते हुए आम आदमी पार्टी अपनी सल्तनत कायम करने में सफल रही है। वहीं, भगवंत मान मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने में सफल रहे। आम आदमी पार्टी की पंजाब में प्रचंड जीत की चर्चा चौतरफा हो रही है। लेकिन सूबे में कांग्रेस की करारी हार के बाद भी सिद्धू की सक्रियता में कमी नहीं आ रही है, लेकिन शायद आपको पता न हो कि उनकी यही सक्रियता अब उनकी फजीहत की वजह बन रही है।

अब आप खुद ही देख लीजिए। आज ही यानी की रविवार को उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने दोस्तों संग एक तस्वीर साझा की थीं। उन्हें लगा कि होगा कि उनकी इन तस्वीरों को देखकर लोग खूब प्यार बरसाएंगे। खुशगवार कमेंट करेंगे। लेकिन अफसोस अगर सिद्धू उन कमेंटों को देखेंगे, जो कि उनकी तस्वीर की प्रतिक्रिया के रूप में आई है, तो उन्हें एहसास होगा कि अब उनकी दुर्गति अपने चरम पर पहुंच चुकी है। दरअसल, उनके द्वारा शेयर की गई तस्वीर लोगों को फूट आंख नहीं सुहा रही है। सोशल मीडिया यूजर्स उनकी इस तस्वीर पर तरह-तरह से कमेंट कर रहे हैं। लोग जमकर उनकी खिल्ली उड़ा रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने तो यहां तक कह दिया है कि ठोको- ठोको करके गुरु ने पूरी कांग्रेस ही ठोक दी। आइए, आपको दिखाते हैं कि उनके द्वारा साझा की गई तस्वीरों के संदर्भ में किसने क्या कुछ अपनी प्रतिक्रिया में कहा है।

देखिए लोगों की प्रतिक्रिया..!

तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि कैसे लोग उनकी तस्वीरों पर कटाक्ष कर रहे हैं। चलिए, अब आपको थोड़ा फ्लैश बैक में लिए चलते हैं, तो बात उन दिनों की है, जब पंजाब में विधानसभा के चुनाव नहीं हुए थे। गुरु सूबे के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने का ख्वाब देख रहे थे। गुरु ने सारे दांव आजमा लिए, लेकिन आज देखकर ऐसा लगता है कि गुरु के सारे दांव सफल भी हो जाते, तो उनका मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने का ख्वाह महज ख्वाब ही बनकर रह जाता है। क्योंकि वे जिस नौका में सवार है, उसमें बहुत बड़ा छेद है। बहरहाल, आपको पता ही है कि पार्टी आलाकमान ने कुछ वजह से उन्हें मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था। वहीं, पंजाब में हुई कांग्रेस की करारी हार के बाद सिद्धू से प्रदेश अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा मांग लिया गया है।