newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Manipur Violence: मणिपुर में हालात बेकाबू, अब केंद्रीय मंत्री के आवास पर उपद्रवियों ने लगाई आग, फेंके पेट्रोल बम

Manipur Violence: हमने उन्हें अपने हथियारों की बदौलत रोकने की कोशिश की थी, लेकिन अफसोस हम नाकाम रहे, क्योंकि वह लोग बहुत बड़ी संख्या में थे। ध्यान दें कि इससे पहले भी इस तरह का हमला किया गया था। हालांकि, उग्र भीड़ को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों की तरफ से हवाई फायरिंग की गई थी, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा।

नई दिल्ली। विगत एक माह से पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। केंद्र  सरकार की ओर से भेजे गए भारी सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बीच भी शरारती तत्व लगातार राज्य में हिंसा फैलाने में कामयाब हो रहे हैं। इस हिंसा की जद में आकर अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, तो कई घायल हो चुके हैं। राज्य में शांति स्थापित करने की केंद्र की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन यह कोशिश किसी भी तरह से सफल होती हुई नजर नहीं आ रही है। गत दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्य़क्षता में हुई बैठक में मणिपुर में शांति बहाली के लिए एक समिति भी गठित की गई थी, लेकिन इस समिति की कोशिशों का भी अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम जमीन पर देखने को नहीं मिला है।

वहीं, अब राज्य में दंगाइयों के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि वे केंद्रीय मंत्रियों के घर को भी अपने आक्रोश का शिकार बना रहे हैं। ताजा मामला कुछ ऐसा ही है। दरअसल,  1 हजार लोगों की आक्रोशित भीड़ ने केंद्रीय मंत्री आरके राजन सिंह के आवास को आग के आग के हवाले कर दिया। बता दें कि जिस वक्त इस वारदात को अंजाम दिया गया था , उस वक्त घर पर कोई भी मौजूद नहीं था। हालांकि, राज्य की संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र की ओर से सभी मंत्रियों की सुरक्षा  काफी पहले ही बढ़ाई जा चुकी है, लेकिन 1000 लोगों की आक्रोशित भीड़ के आगे ये सुरक्षाकर्मी भी लाचार नजर आए। वो इस उग्र भी़ड़ पर नियंत्रित करने में असफल रहे। मंंत्री के आवास की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी ने कहा कि करीबन 1200 लोगों की उग्र भीड़ आई और उन्होंने  आवास पर बम फेंकना शुरू कर दिया।

हमने उन्हें अपने हथियारों की बदौलत रोकने की कोशिश की थी, लेकिन अफसोस हम नाकाम रहे, क्योंकि वह लोग बहुत बड़ी संख्या में थे। ध्यान दें कि इससे पहले भी इस तरह का हमला किया गया था। हालांकि, उग्र भीड़ को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों की तरफ से हवाई फायरिंग की गई थी, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। उधर,  इस घटना के बाद मंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मणिपुर में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। मुझे इस बात का दुख है कि सरकार इस पर अंकुश लगाने की दिशा में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। ज्ञातत्व हो कि इससे पहले इंफाल में एक महिला मंत्री नेमचा  किपचेन के आवास को भी आक्रोशित भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था। मौके पर मौजूद ने लोगों ने बताया कि जब मंत्री के आवास को आग के हवाले किया गया था, उस वक्त उनके घर पर कोई भी मौजूद नहीं था।


दरअसल, मणिपुर में गत एक माह से मैती और कुकी समदुाय के बीच जातीय हिंसा जारी है। हिंसा की वजह यह है कि मैती समुदाय की ओर से आरक्षण की मांग की जा रही है, लेकिन कुकी समुदाय इसका विरोध कर रहा है। कुकी समुदाय का कहना है कि मैती समदुाय पहले से आर्थिक मोर्चे पर मजबूत है। उन्हें किसी भी तरह से आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। अगर उन्हें आरक्षण दिया जाएगा, तो इससे उनके अस्तित्व पर खतरा पैदा हो जाएगा। इसी बात को लेकर दोनों समुदायों के बीच पिछले एक माह से हिंसा देखने को मिल रही है। इस हिंसा की जद में आकर अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।