newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Manipur Violence: मणिपुर में बिगड़े हालात, इंटरनेट और मोबाइल डेटा पर 5 दिनों का प्रतिबंध, जानिए क्या हैं ताजा हालात?

Manipur Violence: मंगलवार को सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की। पुलिस और सुरक्षाबलों ने छात्रों और महिला प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी मणिपुर के डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे हैं।

नई दिल्ली। मणिपुर में बिगड़ते हालातों के बीच राज्य सरकार ने मंगलवार को अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इस प्रतिबंध के तहत 15 सितंबर दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। मणिपुर सरकार द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि यह कदम राज्य में उपद्रवियों द्वारा सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले भाषणों और हिंसा भड़काने की कोशिशों को रोकने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने बयान में कहा कि राज्य की शांति और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट पर यह प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले, राज्य की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल  को बुलाया था और कई इलाकों में कर्फ्यू भी लगाया गया है।

गृह विभाग ने सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाली सामग्री को रोकने के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया। इस प्रतिबंध में लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाएं भी शामिल हैं।

  • मंगलवार को सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की। पुलिस और सुरक्षाबलों ने छात्रों और महिला प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी मणिपुर के डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे हैं।
  • इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों ने कर्फ्यू लागू किया। हालांकि, इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं, इंजीनियरिंग विभाग, नगर निकाय, बिजली, पेट्रोल पंप, अदालतों के कामकाज, मीडिया और अन्य आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है।
  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मणिपुर पुलिस ने अत्याधुनिक रॉकेटों का एक ढेर बरामद किया है। इस घटना के बाद असम राइफल्स के पूर्व डीजी लेफ्टिनेंट जनरल पी सी नायर द्वारा किए गए दावों का खंडन हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि ड्रोन या रॉकेट का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
  • मणिपुर पुलिस को ‘मैतेई पुलिस’ कहे जाने पर राज्य में काफी विवाद हो गया। आईजीपी के जयंत सिंह और आईजीपी (ऑपरेशन) आई.के. मुइवा ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि मणिपुर पुलिस में विभिन्न समुदायों के लोग शामिल हैं और इस तरह का आरोप निराधार है।
  • मणिपुर में पिछले साल मई 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुए जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे।