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Bihar: पटना में अतीक अहमद के समर्थन में लगे नारे, तो भड़की BJP ने लगाई नीतीश सरकार की क्लास, फिर JDU ने ऐसे किया अपना बचाव

Bihar: जेडीयू ने भी पटना में लगे नारे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। जिसमें कहा गया है कि अतीक अहमद दुर्दांत अपराधी थे। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जिस तरह से पुलिस की मौजूदगी में दोनों पर फायरिंग की गई, उसका हम समर्थन नहीं करते हैं। यह उत्तर प्रदेश के जंगलराज को दर्शाता है, लेकिन जिस तरह से कुछ लोग उसके समर्थन में नारे लगा रहे हैं, यह भी सही नहीं है।

नई दिल्ली। बिहार की राजधानी पटना में अतीक अहमद के समर्थन में नारे लगने के बाद सियासी बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो चुका है। सभी दलों के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं। इसी कड़ी में अब राजद प्रवक्ता एजाज खान ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आज जिस तरह के नारे लगे हैं, उसे धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था के दृष्टि से देखने की जरूरत है। इस बीच उन्होंने उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था का जिक्र कर सीएम योगी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर जिस तरह के दावे किए जाते हैं। इस घटना ने उसकी पोल खोलकर रख दी।

वहीं, बीजेपी नेता व बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये लोग अपराधियों को संरक्षित कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादी और अपराधी कभी-भी शहीद नहीं हो सकते हैं, राष्ट्र के हित अपनी जान देने वाले लोग शहीद होते हैं। अपराध में लिप्त लोगों के मारे जाने वाले लोगों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।

murder of atiq ahmed

उधर, जेडीयू ने भी पटना में लगे नारे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। जिसमें उन्होंने कहा कि अतीक अहमद दुर्दांत अपराधी थे। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जिस तरह से पुलिस की मौजूदगी में दोनों पर फायरिंग की गई, उसका हम समर्थन नहीं करते हैं। यह उत्तर प्रदेश के जंगलराज को दर्शाता है, लेकिन जिस तरह से कुछ लोग उसके समर्थन में नारे लगा रहे हैं, यह भी सही नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश जाता है। हर किसी को यह समझना चाहिए कि अपराधी का कोई धर्म नहीं होता है, ये सभी लोग मानवता के दुश्मन होते हैं।

बता दें कि बीते दिनों प्रयागराज स्थित काल्विन अस्पताल के बाहर पुलिस अभिरक्षा में दोनों माफिया ब्रदर्स की पत्रकारों के भेष में तीन बंदूकधारी युवकों ने कई राउंड फायरिंग करके मौत के घाट उतार दिया था, जिसे पुलिस की सुरक्षा में चूक बताया गया। वहीं, योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का भी गठन किया गया है। बता दें कि आयोग को मामले की जांच के लिए तीन माह का समय दिया गया है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।