newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

स्मृति ईरानी ने विदेश मंत्री को पत्र लिख मांगी थी मदद, अब तंजानिया से अमेठी पहुंचा अभयराज का शव

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के रहने वाले एक युवक की दक्षिण अफ्रीका के तंजानिया में मलेरिया की बीमारी से मौत हो गई। बेटे के शव को वापस लाने के लिए बेबस पिता ने सांसद स्मृति ईरानी को पत्र भेजकर मदद की गुहार लगाई थी।

अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के रहने वाले एक युवक की दक्षिण अफ्रीका के तंजानिया में मलेरिया की बीमारी से मौत हो गई। बेटे के शव को वापस लाने के लिए बेबस पिता ने सांसद स्मृति ईरानी को पत्र भेजकर मदद की गुहार लगाई थी, जिसे स्मृति ईरानी ने सुन लिया। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर मदद का अनुरोध किया। आज तंजानिया से शिक्षक का शव अमेठी पहुंचा। शव के साथ मृतक की पत्नी और बेटा भी वापस आए।

31 मई को मिली थी मौत की सूचना

दरअसल मामला अमेठी थाना क्षेत्र के कोरारी गिरिधरशाह का है. यहां के रहने वाले अभयराज सिंह, दक्षिण अफ्रीका के तंजानिया शहर में खेल शिक्षक थे। 31 मई को रात्रि 8 बजे फोन पर सूचना आई कि मलेरिया से ग्रसित अभयराज सिंह की मृत्यु हो गई। देश मे लॉकडाउन (Lockdown) था, ऐसे में शव को स्वदेश लाने के लिए परिजन चिंतित और परेशान थे।

smriti irani on photo

पिता के पत्र पर स्मृति ईरानी ने विदेश मंत्री को लिखा 

उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से गुहार लगाई। स्मृति ईरानी पीड़ित पिता के पत्र के बाद विदेश मंत्री को पत्र लिखकर शव को स्वदेश भेजवाने का आग्रह किया था। इसके बाद तंजानिया के स्कूल मैनेजमेंट ने तंजानिया सरकार ने भारत सरकार के साथ वार्ता कर शव अमेठी पहुंच गया है।

खेल शिक्षक थे अभयराज सिंह

दरअसल अमेठी के स्थानीय ब्लॉक के गांव कोरारी गिरधरशाह निवासी रमेशचंद्र सिंह का पुत्र अभयराज सिंह (38) दक्षिण अफ्रीका के तंजानिया स्थित एक इंडियन स्कूल दार ईएस सलाम में खेल शिक्षक थे। अभयराज की पत्नी रुचि सिंह भी इसी स्कूल में संस्कृत विषय की शिक्षिका हैं। शिक्षक दंपती के साथ उनका पुत्र देव आदित्य प्रताप सिंह (9) भी वहीं रहता है। तंजानिया में अभयराज की अचानक तबियत बिगड़ी. विद्यालय के सहयोगियों एवं पत्नी द्वारा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 31 मई की रात उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद गांव में रह रहे पिता रमेशचंद्र, माता पुष्पा देवी, छोटे भाई अनुराग सिंह सहित अन्य परिवारीजनों का रो-रोकर हाल बेहाल है।