नई दिल्ली। क्या अब केंद्र की मोदी सरकार इंडिया का नाम भारत करने जा रही है? क्या अब इंडिया नाम इतिहास की बातें बनकर रह जाएगी? पिछले कुछ दिनों से सियासी गलियारों में इन सवालों को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है, लेकिन अभी तक इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं। वहीं, दिल्ली में जी-20 समिट के बीच इन सवालों को उस वक्त और बल मिला, जब लोगों की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीचे लगे नेमप्लेट पर गई। दरअसल, नेमप्लेट में इंडिया की जगह भारत नाम लिखा हुआ था जिसके बाद लोगों के जेहन में यह जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच गई कि क्या सरकार अब इस देश का नाम बदलने जा रही है। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि पिछले वर्ष जब बाली में जी-20 का जमघट सजा था, तब प्रधानमंत्री के नेमप्लेट के नीचे भारत नहीं, बल्कि इंडिया रखा गया था , लेकिन इस बार यकायक इंडिया की जगह भारत नाम रखने पर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो चुकी है।
बता दें कि बीते राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से भी जी-20 में शिरकत करने वाले नेताओं को भेजे जाने वाले आमंत्रण पत्र में भी इंडिया की जगह भारत नाम लिखा हुआ था, जिसे लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई थी। कांग्रेस ने सवाल उठाया था कि केंद्र सरकार अपने इस कदम से इंडिया का नाम बदलने के संकेत दे रही है, लेकिन बीजेपी ने बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया था कि ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है। उधर, कांग्रेस की ओर से मोर्चा संभालते हुए शशि थरूर ने भी स्पष्ट कर दिया कि संविधान में देश का नाम इंडिया और भारत दोनों रखा गया था, लेकिन अब अगर सरकार इसमें बदलाव करने जा रही है, तो इसका यकीनन विरोध किया जाएगा।
गौर करने वाली बात है कि सरकार ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है , जब बीते दिनों विपक्षी न दलों ने बैठक कर अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखने का ऐलान किया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह नाम रखने का सुझाव दिया था। जिस पर सर्वसम्मति से मुहर लगाई गई। इससे पहले इस गठबंधन का नाम यूपीए था। इसके बाद बीजेपी और विपक्ष के बीच इंडिया बनाम भारत को लेकर सियासी जंग छिड चुकी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।