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सोनिया गांधी ने स्वतंत्रता दिवस की दी बधाई, वहीं केंद्र सरकार पर जमकर बोला हमला

देशभर में आज 74वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।

नई दिल्ली। देशभर में आज 74वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। इसके साथ ही सोनिया गांधी ने मोदी सरकार (Modi Govt) पर भी निशाना साधा। सोनिया गांधी ने कहा है कि सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संविधान मूल्यों और स्थापित परंपराओं के विपरीत खड़ी है।

PM Narendra Modi And Sonia Gandhi

सोनिया ने कहा कि, हमारे भारतवर्ष की ख्याति विश्व भर में न सिर्फ प्रजातांत्रिक मूल्यों और विभिन्न भाषा, धर्म, संप्रदाय के बहुलतावाद की वजह से है, अपितु भारत प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना एकजुटता के साथ करने के लिए भी जाना जाता है। सोनिया गांधी ने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा किआज जब समूचा विश्व कोरोना महामारी की महाविभीषिका से जूझ रहा है, तब भारत को एकजुट होकर इस महामारी को परास्त करने के प्रतिमान स्थापित करने होंगे और मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकती हूं कि हम सब मिलकर इस महामारी व गंभीर आर्थिक संकट की दशा से बाहर आ जाएंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हमने बीते 74 वर्षों की स्वाधीनता में अपने प्रजातांत्रिक मूल्यों को समय समय पर परीक्षा की कसौटी पर परखा है और उसे निरन्तर परिपक्व किया है। आज ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संविधान मूल्यों व स्थापित परम्पराओं के विपरीत खड़ी है। भारतीय लोकतंत्र के लिए भी ये परीक्षा की घड़ी है।

Sonia gandhi

वहीं चीन से जारी तनाव को लेकर उन्होंने कहा कि, कर्नल संतोष बाबू व हमारे 20 जवानों की गलवान वैली में वीरगति को भी साठ दिन बीत चुके हैं। मैं उनको भी याद कर उनकी वीरता को नमन करती हूं व सरकार से आग्रह करती हूं की उनकी वीरता का स्मरण करे व उचित सम्मान दे। भारत मां की सरज़मी की रक्षा व चीनी घुसपैठ को विफल करना उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।

Sonia Gandhi

उन्होंंने कहा कि आज हर देशवासी को अंतरात्मा में झांक कर यह सोचने की आवश्यकता है कि आज़ादी के क्या मायने हैं? क्या आज देश में लिखने, बोलने, सवाल पूछने, असहमत होने, विचार रखने, जबाबदेही मांगने की आज़ादी है? एक ज़िम्मेदार विपक्ष होने के नाते ये हमारा उत्तरदायित्व है कि हम भारत की प्रजातांत्रिक स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाये रखने का हरसंभव प्रयत्न व संघर्ष करें।