
नई दिल्ली। मीडिया में खबर आने के बाद रविवार से ये चर्चा थी कि 5 अगस्त यानी सोमवार को मोदी सरकार वक्फ एक्ट में संशोधन का बिल ला सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बीच, वक्फ एक्ट में संशोधन की किसी भी कोशिश के खिलाफ मुस्लिम संगठन और नेताओं के अलावा विपक्ष भी लामबंद हो गया। अब खबर है कि वक्फ एक्ट में संशोधन का बिल इसी हफ्ते आएगा। मीडिया की खबरों के मुताबिक मोदी सरकार पहले राज्यसभा में वक्फ एक्ट संशोधन बिल लाएगी। वहां से बिल पास हुआ, तो लोकसभा से भी पास कराया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक एक्ट में संशोधन होने पर वक्फ बोर्डों की असीमित शक्तियां खत्म होंगी। जिस तरह किसी भी जमीन को अपना बताकर वक्फ बोर्ड ले लेते हैं, वो बंद होगा। इसके अलावा जिन भी वक्फ की जिन संपत्तियों पर उनके मालिकों से विवाद है, उनकी भी जांच कराने का प्रावधान होगा। वक्फ बोर्डों में महिलाओं और आम मुसलमानों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। बताया जा रहा है कि वक्फ एक्ट में 40 संशोधन का बिल मोदी सरकार लाएगी। सूत्रों के मुताबिक वक्फ एक्ट में संशोधन के बिल पर सरकार में मंथन हो रहा है। देशभर के 30 वक्फ बोर्डों के पास 8.7 लाख संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों का क्षेत्रफल 9.4 लाख एकड़ है। वक्फ बोर्ड से पहले जमीन के मामले में सेना और रेलवे का ही नाम आता है। वक्फ एक्ट सबसे पहले 1954 में जवाहरलाल नेहरू सरकार के दौरान बना था। इसके बाद 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन हुआ। 1995 में एक्ट में बदलाव किया गया और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड बने। इसके बाद 2013 में वक्फ एक्ट में संशोधन कर वक्फ बोर्डों को असीमित अधिकार दिए गए।
वक्फ बोर्डों की तरफ से किसी जमीन को अपना बताने के मामलों में विवाद भी पैदा हुए। पिछले साल ही तमिलनाडु के एक पूरे गांव को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति बता दिया था। इसका पता उस वक्त चला, जब गांव का एक व्यक्ति अपनी जमीन बेचने गया। जमीन की रजिस्ट्री होते वक्त पता चला कि गांव को ही वक्फ बोर्ड ने अपना बता दिया है। देश में कई और जगह भी जमीनों के मसले पर उनके मालिकों और वक्फ बोर्ड में विवाद हैं। वहीं, मुस्लिम संगठन, धर्मगुरु और नेता आरोप लगा रहे हैं कि वक्फ एक्ट में संशोधन कर मोदी सरकार मुस्लिमों की जमीन हड़पना चाहती है। उनका ये भी कहना है कि वक्फ एक्ट में संशोधन असंवैधानिक है। इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।