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Israel Hamas War: इजराइल-हमास युद्ध पर एस जयशंकर के इस बयान से विश्व समुदाय में हलचल तेज

Israel Hamas War: जयशंकर ने आगे अमेरिका और चीन के रिश्ते पर भी अपनी राय व्यक्त की जिसमें उन्होंने कहा कि एकध्रवीय दुनिया दूर का इतिहास है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिका द्विध्रुवीयता में द्विध्रुवीय दुनिया और भी दूर थी और मुझे नहीं लगता है कि अमेरिका और चीन आगामी दिनों में द्विध्रवीय होंगे।

नई दिल्ली। विश्व समुदाय में स्थिति तनावग्रस्त है। जहां एक तरफ इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध जारी है, तो वहीं दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध थमा नहीं है। ऐसे में भारत की भूमिका वैश्विक मंच पर अहम हो जाती है। हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक कह दिया था कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। वैसे भी यह युद्ध का युग नहीं है, बल्कि बौद्ध का युग है। वहीं, अब इजराइल फिलिस्तीन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल का समर्थन करने का ऐलान किया है, लेकिन इसके बावजूद भी कई विपक्षी दल खुलकर फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। इस बीच भारत ने फिलिस्तीन को राहत सामग्री भेजा। जिसके बाद अब वैश्विक समुदाय में भारत की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

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वहीं, केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज नई दिल्ली स्थित कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में  भू-राजनीतिक उथल-पुथल पर कहा कि अभी मध्य पूर्व में जो कुछ भी हो रहा है, उसका आगामी दिनों में क्या असर होगा। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि विश्व समुदाय से अभी तक रूस-यूक्रन युद्ध का प्रभाव खत्म नहीं हुआ है। अभी-भी जमीनी स्तर पर इसकी तासीर खत्म नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के युद्ध में आतंकवादी तत्व सक्रिय हो जाते हैं। जिसका खामियाजा व्यापक स्तर पर लोगों को कई दफा भुगतना पड़ता है।

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि हम सभी को चाहिए कि एकजुट होकर आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ मिलकर हुंकार भरे। उन्होंने आगे कहा कि जब कभी-भी विश्व मंच पर उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ बात करने की स्थिति पैदा होती है, तो कुछ लोग मुंह बंद कर लेते हैं, जिसका खामियाजा व्यापक स्तर पर लोगों को भुगतना पड़ता है।

जयशंकर ने आगे अमेरिका और चीन के रिश्ते पर भी अपनी राय व्यक्त की जिसमें उन्होंने कहा कि एकध्रवीय दुनिया दूर का इतिहास है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिका द्विध्रुवीयता में द्विध्रुवीय दुनिया और भी दूर थी और मुझे नहीं लगता है कि अमेरिका और चीन आगामी दिनों में द्विध्रवीय होंगे।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अगर आप देखे कि मध्य पूर्व में क्या हो रहा है, तो आप इस नतीजे पर पहुंचेंगे कि इस तरह की गतिविधियां अंतर्निहित है। बहरहाल, जिस तरह से विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच से मुख्तलिफ मसलों पर अपनी राय साझा की है , उसे लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। अब इस पर आगामी दिनों में किसकी क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम छोटी बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.क़ॉम