चंडीगढ़। वारिस पंजाब दे का प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अब भी फरार है। वो पंजाब पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ पंजाब पुलिस ने शनिवार सुबह से कार्रवाई शुरू की थी। उसके चाचा और ड्राइवर समेत अब तक पुलिस ने 100 से ज्यादा समर्थकों को गिरफ्तार किया है। अमृतपाल के बारे में सोमवार को पता चला था कि उसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध हैं। विदेश से अमृतपाल सिंह को फंडिंग की जानकारी भी मिली थी। इसके अलावा ये भी पता चला था कि वो आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) नाम से संगठन बना रहा था। पंजाब के ड्रग एडिक्ट युवाओं को बरगला कर उन्हें मानव बम के तौर पर इस्तेमाल करने की साजिश भी अमृतपाल सिंह ने रची थी। अब ये खुलासा भी हुआ है कि अमृतपाल सिंह दुबई से भारत लौटने के बाद ही इन गतिविधियों में नहीं जुटा। वो पहले से भारत विरोधी बातें करता रहा है।
खुफिया सूत्रों की जानकारी के मुताबिक अमृतपाल सिंह ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने का भी विरोध किया था। उसने मोदी सरकार के इस कदम को जबरदस्ती थोपा गया बताया था और कहा था कि मोदी ने 370 हटाकर कश्मीर पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद किसान आंदोलन के दौरान भी उसने भड़काऊ बयान दिया था। अमृतपाल ने कहा था कि किसान आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए हिंसा की राह लेनी चाहिए। सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान उसने इसे मुस्लिमों के खिलाफ बहुसंख्यकों का फैसला बताया था। सिखों से वो भारत का राष्ट्रीय ध्वज हाथ में न लेने की बात करता था। सिख नौजवानों से उसने कहा था कि वो मोदी पर भरोसा न करें।
एक वीडियो में वो 80 के दशक के खालिस्तानी आतंकी सरगना जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना हीरो बताता दिखा था। अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने फरवरी में अमृतसर के अजनाला थाने पर धावा बोला था। उसने अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान को रिहा कराने के लिए गुरुग्रंथ साहिब की बीड़ की आड़ में ये काम किया था। फिर उसने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का हश्र इंदिरा गांधी जैसा होने की बात कही। अमृतपाल सिंह ने ये भी कहा था कि वो खुद को भारत का नागरिक नहीं मानता। उसने अलग खालिस्तान की मांग को भी पुराना और जायज बताया था।