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Manish Kashyap: यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, भेजा गया 22 मार्च तक के लिए जेल

Manish Kashyap: इससे पहले मनीष के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया था। इस संदर्भ में नगर थाना अध्य़क्ष राजीव कुमार ने कहा कि उक्त मामले में मनीष के घर पर टीम दबिश देने पहुंची थी, लेकिन अभियुक्त के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले थे। हालांकि, अभी इस पूरे मामले की जांच जारी है।

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नई दिल्ली। तलिमनाडु में बिहारी श्रमिकों की कथित पिटाई मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप को कोर्ट में पेशी के बाद 22 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अब ईओयू की टीम कश्यप से कथित फर्जी वीडियो को लेकर पूछताछ करेगी। बता दें कि मनीष कश्यप खुद आत्मसमर्पण करने आया था, जिसके बाद उसे कोर्ट ने बेतुआ जेल में 22 मार्च के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले ईओयू की टीम मनीष के आवास भी पहुंची थी, जहां सिर्फ महिलाएं और कुछ पुरुष ही मौजूद थे। इसके बाद मनीष ने खुद कोर्ट में आत्मसमर्पण की बात कही थी। विदित हो कि इस प्रकरण में दो अन्य अभियुक्तों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उधर, ईओयू ने मनीष के खिलाफ तीन अन्य मामले भी दर्ज किए हैं।

इससे पहले मनीष के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया था। इस संदर्भ में नगर थाना अध्य़क्ष राजीव कुमार ने कहा कि उक्त मामले में मनीष के घर पर टीम दबिश देने पहुंची थी, लेकिन अभियुक्त के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले थे। हालांकि, अभी इस पूरे मामले की जांच जारी है। अब ऐसे में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन, आइए उससे पहले वह पूरा माजरा जान लेते हैं, जिसमें मनीष कश्यप के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

दरअसल, बीते दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई की जा रही है, जिससे सशंकित होकर मजदूर अपने प्रदेश लौट रहे हैं, लेकिन बाद में इन खबरों को अफवाह करार दिया गया,  मगर अब इस पूरे मामले में मनीष पर आरोप है कि इन्होंने बिहारी मजदूरों की पिटाई के संदर्भ में कुछ फर्जी वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित किया और उसे लेगों के बीच साझा कर समाज विद्वेष फैलाने का प्रयास किया, लेकिन मनीष लगातार अपनी बेगुनाही की दलीलें पेश करते जा रहे हैं और अपनी गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश का हिस्सा बता रहे हैं।

Manish Kashyap Surrender.

ध्यान रहे, वे कई मौकों पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी चुनौती देते हुए  दिखे हैं। मनीष पेशे यूट्यूबर हैं, जो कि अपने वीडियो में बिहार के मसले को लेकर प्रखरता से आवाज उठाते हैं। बहरहाल, अब जिस तरह तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की कथित पिटाई के मामले में पुलिस ने उन पर शिकंजा कसा है। ऐसे में  पुलिस इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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