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Controversy Over Kalava And Janeu During CET Exam In Karnataka : कर्नाटक में सीईटी परीक्षा देने पहुंचे छात्रों से उतरवाया गया कलावा और जनेऊ, ब्राह्मण संगठनों ने किया प्रदर्शन

Controversy Over Kalava And Janeu During CET Exam In Karnataka : बीजेपी एमएलसी एन. रविकुमार ने इसे अन्याय और पूरी तरह से गैरकानूनी कृत्य बताया है। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के प्रति अनुचित व्यवहार है, इसलिए मैं मांग करता हूं कि जिन छात्रों को इसके विरोध में परीक्षा नहीं देने दी गई उन्हें दोबारा परीक्षा का अवसर दिया जाए। वहीं कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा कि इस घटना की मैंने रिपोर्ट मांगी है, अगर जनेऊ उतरवाने की बात सही है तो जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नई दिल्ली। कर्नाटक के बीदर और शिवमोग्गा जिले में सीईटी परीक्षा देने पहुंचे कुछ छात्रों से जनेऊ और कलावा उतारने को कहा गया जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। शिवमोग्गा में स्थित आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज में एक छात्र को कलावा उतारने और एक छात्र को जनेऊ उतारने के बाद परीक्षा हाल में जाकर एग्जाम देने की अनुमति दी गई। वहीं बीदर में एक छात्र को सिर्फ इस वजह से पेपर नहीं देने दिया गया क्योंकि उसने जनेऊ उतारने से मना कर दिया। इस घटना के सामने आने के बाद ब्राह्मण संगठनों ने कॉलेज स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

बीजेपी एमएलसी एन. रविकुमार ने इस पूरी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए छात्रों को जनेऊ नहीं उतारने पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया, यह अन्याय है और पूरी तरह से गैरकानूनी कृत्य है। यह छात्रों के प्रति अनुचित व्यवहार है, इसलिए मैं मांग करता हूं कि जिन छात्रों को इसके विरोध में परीक्षा नहीं देने दी गई उन्हें दोबारा परीक्षा का अवसर दिया जाए। वहीं श्री राम सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने शिवमोग्गा के आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज में हुई घटना के बारे में बात करते हुए कहा कि जहां छात्रों को सीईटी परीक्षा में बैठने से पहले अपने जनेऊ और कलावा उतारने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि जिसने भी यह कृत्य किया है उसे सस्पेंड किया जाना चाहिए।

उधर, कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैंने रिपोर्ट मांगी है, अगर सच में जनेऊ उतरवाने की बात सही है तो जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं अखिल कर्नाटका ब्राह्मण सभा ने जिलाधिकारी से मिलकर इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है। उनका कहना है कि इस प्रकार से जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है। दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।