
नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में स्टूडेंट्स को होली मिलन समारोह के आयोजन की अनुमति देने से विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनकार कर दिया है। एएमयू प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि किसी नई परम्परा को शुरू करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। दरअसल विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले हिंदू स्टूडेंट्स ने वाइस चांसलर को 25 फरवरी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने वीसी से 9 मार्च को एएमयू के एनआरएससी क्लब में होली मिलन समारोह मनाने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया था। वहीं प्रशासन के इस निर्णय से स्टूडेंट्स में नाराजगी है।
हिंदू छात्रों का कहना है कि जब यूनिवर्सिटी के हर विभाग और हर हॉस्टल में रमजान के महीने में रोजा इफ्तार का आयोजन होता है तो होली मिलन समारोह क्यों नहीं हो सकता। हिंदू छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय में ईद का जुलूस निकलता है, मोहर्रम के जुलूस और चेहल्लुम के जुलूस की भी कोई मनाही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमें किसी के त्योहार से कोई आपत्ति नहीं है कि हमें हमारा त्योहार मनाने के लिए अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। साथ ही स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अली हमें होली मिलन समारोह ना मनाने का लिखित आदेश नहीं दे रहे हैं।
वहीं प्रॉक्टर वसीम अली का कहना है कि छात्र हर साल यूनिवर्सिटी कैंपस में और अपने हॉस्टल में होली खेलते हैं। इस साल भी स्टूडेंट्स होली खेलेंगे उसमें कोई मनाही नहीं है। लेकिन यह मामला विशेष स्थान पर विशेष आयोजन का है और यूनिवर्सिटी कोई भी नई परम्परा को नहीं शुरू करना चाहती। दूसरी तरफ अलीगढ़ की पूर्व मेयर और बीजेपी नेता शकुंतला भारती ने कहा कि यह भारत है और यहां हर किसी को अपने धर्म के अनुसार अपने त्योहार मनाने की छूट है। उन्होंने इस मामले से सीएम योगी आदित्यनाथ को अवगत कराने की बात कही है।