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‘कश्मीर पर भारत का कब्जा’ JNU में वामपंथी छात्रों ने बनाया इसे अपने बीच बहस का मुद्दा, तो ABVP छात्रों ने किया विरोध

jawaharlal nehru university: उन्होंने इस कार्यक्रम को प्रचारित करने की दिशा में प्रकाशित किए गए आमंत्रित पत्र की प्रतियां जलाकर इसका विरोध किया गया। विरोध कर रहे छात्रों न कहा कि वामपंथी विचारधाराओं के छात्र हमेशा से देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की दिशा में उसकी रूपरेखा तैयार कर उसे धरातल पर उतारने की दिशा में सक्रिय रहते हैं।

‘जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय’….एक ऐसा विद्यालय है, जो हमेशा किसी न किसी विवादित मसलों को लेकर सुर्खियों में छाया रहता है और इसे विवाद की भेंट चढ़ाने काम करते हैं, यहां पढ़ने वाले विभिन्न विचारधाराओं के छात्र। यहां विभिन्न प्रकार के राजनीतिक विचारधाराओं के छात्र पढ़ते हैं, जिसमें वामपंथी, दक्षिणपंथी समेत तटस्थ विचारधाराओं के छात्र शामिल हैं। अब इसी बीच यह यूनिवर्सिटी वामपंथी विचारधाराओं के छात्राओं की वजह से चर्चा में आ गया है। दरअसल, बीते दिनों कश्मीर में वामपंथी विचारधाराओं के छात्रों ने कश्मीर पर भारत का कब्जे के नाम पर एक व्याख्यान का आयोजन करने की योजना बनाई थी, जिसमें कई छात्रों समेत अन्य लोगों के शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी के छात्र ने इस कार्यक्रम का विरोध किया।

JNU

 

उन्होंने इस कार्यक्रम को प्रचारित करने की दिशा में प्रकाशित किए गए आमंत्रित पत्र की प्रतियां जलाकर इसका विरोध किया। विरोध कर रहे छात्रों न कहा कि वामपंथी विचारधाराओं के छात्र हमेशा से देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की दिशा में उसकी रूपरेखा तैयार कर उसे धरातल पर उतारने की दिशा में सक्रिय रहते हैं। वहीं, अब इस कार्यक्रम का न महज एबीवीपी के छात्रों ने विरोध किया, बल्कि शिक्षक  समेत अन्य लोगों ने भी इसका विरोध किया। आइए, आपको बताते हैं कि इस कार्यक्रम के विरोध में किसने क्या कहा।

After the agreessive and forceful protest by @abvpjnu and due to our proactive stand, the JNU administration had to cancel the anti-Bharat webinar that addressed d Union territory ofJammu and Kashmir as ‘Indian occupied Kashmir’ organized by the Centre for Women Studies of SSS. pic.twitter.com/TeOe7XgV4Q


इसे लेकर जेएनयू प्रशासन ने नोटिस जारी कर कहा कि,  ‘इस कार्यक्रम को लेकर प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी। इसमें ‘Indian occupation in Kashmir’ जो शब्द लिखा गया है वह बेहद आपत्तिजनक है और प्रशासन इसकी निंदा करता है। इसमें ‘Indian occupation in Kashmir’ जो शब्द लिखा गया है वह बेहद आपत्तिजनक है और प्रशासन इसकी निंदा करता है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं। वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा कि जैसे ही हमारे संज्ञान में यह मामला सामने आया था, हमने तत्काल विधिवत प्रक्रियाओं का चयन करते हुए इसे रुकवाने की दिशा में रूपरेखा तैयार करते हुए इसे फौरन धरातल पर उतारने का काम किया।

उधर, एबीवीपी सचिव रोहित कुमार ने कहा कि ऐसा करने वाले वामपंथियों के गुट के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। इसके अलावा एबीवीपी के छात्रों ने कहा कि इसी तरह 6 फरवरी 2016 में वामपंथी विचारधाराओं के छात्रों ने देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसकी परिणीति हम सब देख ही चुके हैं। लिहाजा जरूरत है कि ऐसे छात्रों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सकें, ताकि निकट भविष्य में यह लोग ऐसी गतिविधियों को अंजाम तक पहुंचाने के बारे में कभी सोच तक न सकें।