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Wankhede Vs Nawab: समीर वानखेड़े परिवार को मिली कामयाबी; नवाब मलिक को कोर्ट से झटका, लगा दी गई रोक!

Nawab Malik vs Sameer Wankhede: समीर वानखेड़े के पिता की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका में कहा गया था कि नवाब मलिक को वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ बयानबाजी करने से रोका जाए। समीर वानखेड़े के पिता की याचिका पर अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला लेते हुए नवाब मलिक को झटका दिया गया है।

नई दिल्ली। बीते कई समय से महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) समीर वानखेड़े (sameer wankhede) पर हमला बोल रहे हैं। कभी उनकी शादी का सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं तो कभी उनकी निकाह की तस्वीर, आज मलिक ने वानखेड़े की दिवंगत मां के मृत्यु प्रमाणपत्र को आधार बनाकर उनपर हमला किया। मलिक ने समीर की दिवंगत मां की दो मृत्य प्रमाणपत्र जारी किए जिसमें एक में उनकी मां को हिंदू बताया गया है, तो दूसरी में मुस्लिम बताया गया है, जिसे लेकर एक बार फिर से नवाब मलिक समीर वानखेड़े पर हमलावर हो गए हैं। इस बीच नवाब मलिक को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, समीर वानखेड़े के पिता की याचिका पर नवाब मलिक और उनके परिवार को निर्देश दिया है कि अब वो वानखेड़े और उनके परिवार से जुड़े लोगों के खिलाफ कुछ भी पब्लिश नहीं कर पाएंगे।

nawab malik

बता दें, समीर वानखेड़े के पिता की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका में कहा गया था कि नवाब मलिक को वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ बयानबाजी करने से रोका जाए। समीर वानखेड़े के पिता की याचिका पर अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला लेते हुए नवाब मलिक को झटका दिया गया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद नवाब मलिक वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ बयानबाजी नहीं कर पाएंगे।


इससे पहले आज सुबह हीनवाब मलिक ने समीर की दिवंगत मां की दो मृत्य प्रमाणपत्र जारी किए हैं, जिसमें एक में उनकी मां को हिंदू बताया गया है, तो दूसरी में मुस्लिम बताया गया है, जिसे लेकर एक बार फिर से नवाब मलिक समीर वानखेड़े पर हमलावर हो गए हैं। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब एनसीपी नेता ने हिंदू-मुस्लिम के नाम का आरोप लगाया है, बल्कि इससे पहले भी एनपीसी नेता द्वारा समीर पर मुस्लिम होने का आरोप लगाया जा चुका है। नवाब ने समीर वानखेड़े का नया नाम समीर दाउद वनखेड़े बताया था और इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया था कि समीर मुस्लिम होने के बावजूद भी दलित प्रमाणपत्र के नाम पर सरकारी नौकरी हासिल कर एक दलित के अधिकारियों का हनन कर चुके हैं।